सिद्धार्थनगर में दुकानदारों की मनमानी से किसान परेशान, बुवाई के लिए नहीं मिल रही खाद
सिद्धार्थनगर में खाद की कमी से किसान परेशान हैं। दुकानदारों द्वारा मनमानी करने और कालाबाजारी के कारण किसानों को बुवाई के लिए खाद नहीं मिल पा रही है। किसान ऊंचे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। कृषि विभाग ने कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।

दुकानदारों की मनमानी से किसान परेशान।
संवाद सूत्र, मन्नीजोत। खरीफ फसल की कटाई लगभग समाप्त हो गई है। रवि का सीजन तेजी से आगे बढ़ रहा है। नवंबर का आखिरी सप्ताह तिलहन दलहन और गेहूं के बुवाई का सबसे महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। ऐसे में खाद का न मिलना किसने के अरमानों पर पानी फिरने जैसा है।
भनवापुर विकास खंड की पांच समितियां के किसानों के लिए मुसीबत है। जिसका कारण है 2019 में धान घोटाले के बाद समितियां का बंद हो जाना है। 78 लाख के धान घोटाले में पांच समितियाें को प्रशासन ने बंद करा दिया था जो अब तक संचालित नहीं की गई।
सरकारी गोदाम से किसानों को खाद तभी मिल सकता है जब किसान समिति का सदस्य हो। ऐसे में दूसरे समिति के किसानों को अन्य समिति से खाद नहीं मिल पा रहा है। जिसमें पांच समितियां धनोहारी, हटवा, भरवठिया मुस्ताहकम और चिताही शामिल है। इसलिए इन किसानों के समक्ष समस्या है।
और यूरिया के लिए प्राइवेट दुकानों पर आश्रित होना पड़ रहा है। प्राइवेट दुकानदार कृषकों के मजबूरी का खूब लाभ उठा रहे हैं। डीएपी जो 1350 रुपए की है 1650 से 1700 तथा यूरिया 266 के स्थान पर 300 से 400 के बीच बेचकर कर मालामाल हो रहे हैं। जिससे क्षेत्र के किसानों में रोष व्याप्त है।
इस विषय में पर अपर जिला सहकारिता अधिकारी राजेश यादव ने कहा किसान खाद को भी लेकर बिल्कुल ना भटके। सभी बंद समितियो के किसानों को पास की समितयों से जोड़ दिया गया है। वहां जाकर खाद ले सकते हैं।
क्या बोले किसान
- कठौतिया राम के किसान उपेंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारी समिति बंद है। हम खाद के लिए भनवापुर समिति पर गए तो सचिव ने हमें खाद देने से मना कर दिया।
- किसान विजय कुमार ने कहते है कि यूरिया और डीएपी के अभाव में हमारी गेहूं की बुवाई काफी पिछड़ रही है। यदि खाद नहीं मिली तो उपज प्रभावित हो जाएगी।
- मन्नीजोत निवासी किसान पिंटू मिश्रा का कहना है की प्राइवेट दुकानों पर खाद महगें दामों में धड़ाधड़ मिल रही है। समितियां केवल हाथी का दांत साबित हो रही है।
- खुपहवा के किसान राम किशोर यादव खाद को लेकर काफी चिंतित है। अपनी व्यथा में उन्होंने कहा कि एक सप्ताह से परेशान हूं, परंतु अभी तक यूरिया और डीएपी में से कुछ भी नहीं मिला।

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