इंटरनेट मीडिया की अश्लीलता पर भी लागू हो सेंसर
बुधवार को कपिलवस्तु महोत्सव का समापन सुखबिदर सिंह के कार्यक्रम से होना है। वह सनई चौराहा स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। कहा कि किसी भी क्षेत्र का संगीत हो उसे प्रस्तुत करने के लिए मनोरंजन शब्द ऊर्जा का होना आवश्यक है।

सिद्धार्थनगर : बालीवुड गायक सुखबिदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि संगीत योग हैं, प्रार्थना हैं, इबादत भी हैं। शास्त्रीय संगीत से मन को सुकून मिलता है। पुराने समय के फिल्म में संगीत का मुख्य आधार मौलिकता पर होता था। समय के साथ संगीत के क्षेत्र में भी बदलाव आया है। अब मौलिकता समाप्त होने लगी है। वर्तमान समय में तेज, तड़क-भड़क वाले संगीत ने जगह ले ली है। फेसबुक और इंटरनेट मीडिया पर परोसे जा रहे अश्लीलता पर सरकार फिल्मों की तरह सेंसर लागू करे, जिससे युवा पीढ़ी को बर्बाद होने से रोका जा सके।
बुधवार को कपिलवस्तु महोत्सव का समापन सुखबिदर सिंह के कार्यक्रम से होना है। वह सनई चौराहा स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। कहा कि किसी भी क्षेत्र का संगीत हो, उसे प्रस्तुत करने के लिए मनोरंजन, शब्द, ऊर्जा का होना आवश्यक है। पंजाबी का लोक संगीत तेज धुन पर आधारित होता है। ऊर्जा हर क्षेत्र के संगीत में होता है। कहा कि कोरोना से सबक लेने की जरूरत हैं। हमें ऐसे जीने के लिए भी तैयार रहना होगा। सुरक्षित जीवन व्यतीत करना भी चाहिए। कोरोना काल में संगीत ने लोगों को सुकून देने का काम किया है। लोगों ने संगीत सुनकर समय को बिताया है। अच्छा संगीत मन को बहला, सुकून, ऊर्जा देता हैं। कृषि बिल के सवाल पर कहा कि मनुष्य ही नहीं परिदे भी जानते हैं कि किसान ईश्वर का दूसरा रूप हैं। किसानों की उम्मीद व प्रार्थना थी जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरा किया। आंदोलन से तकलीफ दोनों तरफ थी। देश के लिए जो अच्छा होता हैं उसे होना चाहिए। संगीत के अंदर अगर राजनीति आ जाए तो इससे ज्यादा श्रापित कुछ हो ही नहीं सकता। हर एक क्षेत्र की अपनी मर्यादा हैं। युवा वर्ग के लिए संदेश हैं कि स्वस्थ व तंदुरुस्त रहें, सुखबिदर की तरह चमको, सादा खानपान, साधारण जीवन, साधारण विचार व सरलता बहुत ऊर्जा देती है।
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