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    मस्तिष्क, मन व शरीर तीनों शिक्षा के महत्वपूर्ण अंग

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 18 Nov 2020 12:04 AM (IST)

    स्कूली बचों में बौद्धिक तार्किक क्षमता विकसित करने के साथ ही उनकी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए बाल दिवस के मौके पर दैनिक जागरण ने बाल संवाद कार्यक्र ...और पढ़ें

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    मस्तिष्क, मन व शरीर तीनों शिक्षा के महत्वपूर्ण अंग

    सिद्धार्थनगर : स्कूली बच्चों में बौद्धिक, तार्किक क्षमता विकसित करने के साथ ही उनकी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए बाल दिवस के मौके पर दैनिक जागरण ने बाल संवाद कार्यक्रम की शुरुआत की है। खैर टेक्निकल इंटर कालेज व सरस्वती विद्या मंदिर बदौलागढ़-डुमरियागंज, रफी मेमोरियल इंटर कालेज चकचई के चार- चार मेधावियों ने एसडीएम त्रिभुवन से न सिर्फ सवाल पूछे, बल्कि उनके जवाब से संतुष्ट भी नजर आए। तहसील सभागार में कोविड नियमों के तहत बच्चों ने संवाद स्थापित किया।

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    दिव्यांशी ने पूछा कि क्राइम पर लगाम कैसे लगेगी जब एफआईआर दर्ज करने तक में घूस लिए जाते हैं। इसके जवाब में एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि सोच को पैसे से जोड़ना ही भ्रष्टाचार है। शिक्षा ग्रहण के दौरान जो आदर्शवादिता हमें सिखाई जाती उसे जीवन पर्यंत अपने भीतर समाहित रखना चाहिए। तभी भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है। सृष्टि प्रजापति ने पूछा लड़कियां असुरक्षित क्यों हैं? सुरक्षा कैसे मिलेगी?इस पर उन्होंने कहा कि लड़कियों में असुरक्षा के जनक पुरुष हैं। सुरक्षा के लिए पर्याप्त कानून तो बने हैं, परंतु अनुपालन कराना काफी हद तक लड़कियों अथवा महिलाओं पर ही निर्भर है। डा. आंबेडकर ने भी कहा है कि गुलामों की लड़ाई कभी मालिकों ने नहीं लड़ी, गुलामों को अपने हक की लड़ाई खुद लड़नी होगी अर्थात असुरक्षित महसूस होने पर खुद लड़ने व विरोध करने का साहस पैदा करें, प्रशासन पूरी मदद करेगा।

    सनी पाठक ने विपरीत परिस्थितियों में शिक्षा कैसे हासिल करें पर सवाल पूछा। एसडीएम ने कहा कि यदि छात्र के अंदर पढ़ने का जज्बा है तो सरकार प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने तक लिए प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के विभिन्न योजना चला रही है। बारहवीं तक शिक्षा तो निश्शुल्क है। शिक्षा की गुणवत्ता में शिक्षकों को सुधार लाना होगा विशेषकर प्राथमिक के, तब जाकर शासन की मंशा सफल होगी।

    जावेद आलम ने पूछा कि किसान जीतोड़ मेहनत करता है फिर भी खेती घाटे का सौदा क्यों? जवाब में एसडीएम ने बताया कि पारंपरिक खेती जगह आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग व नकदी फसलों की बोआई करने से खेती मुनाफे का सौदा बनेगी। इससे श्रम व समय बचेगा। खेती के प्रति जागरूकता लाने की जरूरत है जिससे बिचौलियों से छुटकारा मिल सके।

    विशाल सोनी ने सवाल किया कि प्रदूषण की समस्या का स्थायी निदान कैसे हो सकता है? जवाब में उन्होंने कहा कि प्रकृति में सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमें अनावश्यक हस्तक्षेप से बचना होगा। हमें अपशिष्टों के उत्सर्जन व निस्तारण पर बल देना होगा। जनजागृति इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। हमें समझना होगा जीवन प्राकृति के साथ चलने में है। शिवाकांत के सवाल जातिवाद क्यों नहीं समाप्त हो रहा है के जवाब में उन्होंने कहा कि समाज से ऊंच नीच का भाव खत्म होना चाहिए,इसके लिए सोच बदलने की जरूरत है। तीन दशक पहले तक छुआछूत का बड़ा प्रभाव था। आज यह दंडनीय अपराध है । नाम से पहचान होनी चाहिए। अंतर जातीय विवाह को बढ़ावा, संस्कार भी जरूरी है।

    एसडीएम ने दिया बच्चों को टिप्स

    एसडीएम त्रिभुवन ने बच्चों को सुझाव देते हुए स्पष्ट किया कि शिक्षा का अर्थ सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं है। शिक्षा का तात्पर्य मन, मस्तिष्क व शरीर को पुष्ट करने वाला होना चाहिए। एक फीसद शिक्षा शरीर के लिए होनी चाहिए जिसमें साफ- सफाई, व्यायाम और संतुलित आहार शामिल हैं। नौ फीसदी हिस्सा जो स्कूलों में पढ़ाया जाता है वह है। बाकी 90 फीसद के लिए अच्छे संस्कार व चरित्र की शिक्षा आवश्यक है। यह तीनों शिक्षा के महत्वपूर्ण अंग हैं जिसकी बदौलत न सिर्फ विद्यार्थी शिक्षित होंगे, बल्कि वह देश का जिम्मेदार नागरिक भी बन सकते है।