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बुद्ध की क्रीड़ास्थली को पीएम दे सकते हैं सौगात

पं. माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय स्वशासी मेडिकल कालेज समेत प्रदेश के सात नए मेडिकल कालेजों का लोकार्पण करने 25 अक्टूबर को आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुद्ध की क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु को विकास की सौगात दे सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 11:06 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 11:06 PM (IST)
बुद्ध की क्रीड़ास्थली को पीएम दे सकते हैं सौगात
बुद्ध की क्रीड़ास्थली को पीएम दे सकते हैं सौगात

सिद्धार्थनगर: पं. माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय स्वशासी मेडिकल कालेज समेत प्रदेश के सात नए मेडिकल कालेजों का लोकार्पण करने 25 अक्टूबर को आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुद्ध की क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु को विकास की सौगात दे सकते हैं। भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर के दौरे के पांच दिन बाद यहां हो रहे कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने संबंधित जानकारियां मांगी है।

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पीएमओ ने सिद्धार्थनगर में कपिलवस्तु स्तूप समेत भगवान बुद्ध से जुड़े प्रमुख स्थल, उनके विकास के लिए स्थानीय स्तर पर हुए कार्य, कालानमक धान से तथागत बुद्ध का जुड़ाव, सुगंध का कारण और उसे बचाने के लिए किए गए प्रयास समेत कई जानकारियां मांगी हैं, जिन्हें जिला प्रशासन ने भेज दिया है। माना जा रहा है कि इन जानकारियों को मंगाने के पीछे का उद्देश्य अति पिछडे़ व आकांक्षी जनपद सिद्धार्थनगर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल और एक जिला एक उत्पाद कालानमक धान को अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनाने का प्रयास करना है। कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देकर उसे अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर तो स्थापित किया जा चुका है, लेकिन बुद्ध की क्रीड़ास्थली अपने दिन बहुरने का इंतजार कर रही है। पीएमओ को यह भी बताया गया है कि यहां कभी एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की गई थी, जो पूरी नहीं हो पाई। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि पीएमओ से मांगी गई जानकारियां शासन को भेज दी गई हैं। कपिलवस्तु में 29 वर्ष गुजारे थे सिद्धार्थ

मुख्यालय से 22 किमी दूर भारत नेपाल सीमा पर स्थित कपिलवस्तु में राजकुमार सिद्धार्थ ने जीवन के 29 वर्ष गुजारे थे। कपिलवस्तु उनके पिता राजा शुद्धोधन की राजधानी थी। यहां से उनकी जन्मस्थली नेपाल का लुंबिनी 19 किमी की दूर है।


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