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    मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा, एक ही चेहरे से भरी जा रही सैकड़ों श्रमिकों की हाजिरी

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 04:33 PM (IST)

    सिद्धार्थनगर के बढ़नी विकास खंड में मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। ग्राम पंचायतों में श्रमिकों की हाजिरी फर्जी तरीके से भरकर सरकारी धन निका ...और पढ़ें

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    बढ़नी विकास खंड की कई ग्राम पंचायतों में एक ही फोटो का बार-बार प्रयोग। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर । कड़े पर्यवेक्षण और अनेक स्तरों की निगरानी व्यवस्था के बावजूद मनरेगा योजना में धांधली पर लगाम नहीं लग पा रही है। बढ़नी विकास खंड के ग्राम पंचायतों में श्रमिकों की हाजिरी फर्जी तरीके से भरकर सरकारी धन की भारी निकासी का पर्दाफाश हुआ है। कहीं एक ही फोटो आठ से दस बार चढ़ाई जा रही है तो कहीं केवल 21 व्यक्तियों की तस्वीरों से 222 लोगों की हाजिरी तैयार कर दी जा रही है।

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    तीन दिसंबर को ग्राम पंचायत गड़रखा की जांच में सामने आया कि मनरेगा के एक कार्य पर 222 श्रमिकों की उपस्थिति दर्शायी गयी है। जब इसे मनरेगा पोर्टल पर परखा गया तो तथ्य हैरान करने वाले थे। यहां 23 मस्टर रोल निर्गत किए गए थे, जिनमें कई मस्टर रोल में एक ही व्यक्तियों की तस्वीरें बार-बार अपलोड की गयी थीं। मस्टर रोल संख्या 6509, 6510, 6511 और 6514 में एक ही फोटो चढ़ाई गयी है। इसी प्रकार 6512, 6513, 6515, 6517 और 6518 पर भी एक ही श्रमिक की तस्वीर का प्रयोग किया गया है। केवल दो फोटो से नौ मस्टर रोल की हाजिरी भर दी गयी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया को मनमाने ढंग से दोहराया गया है।

    इसी विकास खंड के ग्राम पंचायत चंदई की स्थिति भी अलग नहीं है। यहां तीन दिसंबर को मस्टर रोल संख्या 6434 से 6439 तक एक ही फोटो का प्रयोग किया गया। मस्टर रोल 6440 में इसी तस्वीर को संपादित कर चढ़ाया गया है। इसके बाद 6442 से 6448 तक उन्हीं श्रमिकों की फोटो बदलकर या क्रम परिवर्तित कर अपलोड की गयी है। इस तरह यहां केवल दस व्यक्तियों की तस्वीरों से 151 श्रमिकों की उपस्थिति बना दी गयी।

    जांच के दौरान यह भी उजागर हुआ कि बढ़नी विकास खंड की कम से कम 25 से 28 ग्राम पंचायतों में इसी प्रकार की धांधली कर सरकारी धन की भारी निकासी की गयी है। हंसुड़ी उर्फ गजहड़ी, महदेवा खुर्द, औधही कला, खैरी शीतल प्रसाद, बसंतपुर, मानपुर, लोहटी और ढेकहरी खुर्द जैसी ग्राम पंचायतें ऐसे केंद्र बने हुए हैं, जहां श्रमिकों की हाजिरी बार-बार संपादित फोटो से भरी गयी है। इन ग्राम पंचायतों में धन व्यय भी अत्यधिक दर्शाया गया है और फर्जी उपस्थिति से संबंधित शिकायतें लगातार उठ रही हैं।

    आरटीआई कार्यकर्ता देवेश मणि त्रिपाठी ने इस संबंध में जिलाधिकारी व मनरेगा के अपर मुख्य सचिव को विस्तृत प्रार्थना-पत्र भेजा है। उनका कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर फर्जी हाजिरी भरकर जिले में एक दिन में लगभग 42 लाख रुपये का फर्जी भुगतान किया जा रहा है। यदि इसका औसत निकाला जाए तो एक सप्ताह में करीब तीन करोड़ रुपये की राशि श्रमिकों के नाम पर निर्गत की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा कथित खेल योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है और वास्तविक श्रमिकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा।

    पूरी जानकारी प्राप्त की जा रही है। इस पूरे प्रकरण की जांच करायी जाएगी। जहां भी गड़बड़ी सामने आएगी, वहां कठोर कार्रवाई की जाएगी। - जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन

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