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    पूर्व प्रमुख गए जेल, स्वयंवर पर भी मुकदमा

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    Updated: Tue, 09 Jun 2015 09:29 PM (IST)

    सिद्धार्थनगर : त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के ग्राम दो पेड़ौवा चौराहे पर बीते सोमवार को जमीनी विवाद को ले

    सिद्धार्थनगर : त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के ग्राम दो पेड़ौवा चौराहे पर बीते सोमवार को जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हुए मारपीट की घटना में पुलिस ने पूर्व विधायक स्वयंबर चौधरी समेत 33 नामजद व 150 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा किया गया है। मंगलवार को पूर्व ब्लाक प्रमुख कमाल अहमद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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    प्रथम पक्ष वादी तुलसीराम चौधरी ने थाने पर तहरीर दिया था कि पुस्तैनी जमीन पर कई साल से काबिज था। जमीन की साफ सफाई कर मकान निर्माण कराना चाह रहा था। जिसे गदाखौवा निवासी कमाल अहमद ने गाटा संख्या 75 ख का बैनामेदार बताते हुए कार्य रोकवाना चाहा। विरोध करने पर वह अपने साथियों के साथ असलहों से लैश होकर घर में घुसकर मारने पीटने लगे। जबकि जिस जमीन का बैनामा कराया उसके विक्रेता कभी जमीन पर काबिज ही नहीं थे। द्वितीय पक्ष के कमाल अहमद ने तहरीर दिया कि बुड्डी खास निवासी मो. इलियास, अब्दुल हई पुत्र गण मो. युसुफ, अब्दुल हलीम उर्फ लाल बहादुर, जंगबहादुर पुत्रगण जमींदार, मौलबी किताबुल्लाह, पुत्र मो. रजा से गाटा संख्या 75 ख को 3 फरवरी 2015 को निर्धारित स्टांप शुल्क जमा कर बैनामा कराया है, जिसका विवरण भू अभिलेखों में दर्ज है। उसी जमीन पर विपक्षी सियासी ताकत के दम पर अवैध निर्माण कराना चाह रहे थे। विरोध करने मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक स्वयंबर चौधरी के उलाहना देने पर विपक्षी लाठी डंडा व ईंट पत्थर चलाना शुरू कर दिया, जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने तुलसीराम चौधरी की तहरीर पर कमाल अहमद समेत बीस नामजद व सौ अज्ञात के विरुद्ध धारा 147, 148, 149, 323, 504, 506, 452, 356, 419, 420, 467, 468, 471 व कमाल अहमद की तहरीर पर स्वयंबर चौधरी, तुलसीराम चौधरी समेत 13 नामजद व पचास अज्ञात के विरुद्ध धारा 147, 148, 149, 323, 504, 506, 427 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है।

    सवालों के घेरे में कार्रवाई

    जमीनी विवाद को लेकर हुए मारपीट की घटना में कई धाराओं में मुकदमा लिखकर पुलिस भले ही चैन की सांस ले रही हो, मगर जिस जमीन पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच मामला बढ़ा उसमें पुलिस के साथ प्रशासन की भूमिका भी कई सवाल छोड़ रही है। कमाल अहमद ने तीन फरवरी को उस जमीन का बैनामा अपने नाम करा लिया। खारिज दाखिल के बाद जब वह जमीन के पास पहुंचे तो उस पर विपक्षी जबरन कब्जा करने की कोशिश करने लगे। थाने से लेकर तहसील तक न्याय न मिला तो उन्होंने सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में वाद दायर कर तीस मई को स्थगन आदेश पारित करा लिया। जिसकी प्रति तहसील दिवस समेत थानाध्यक्ष को भी दी गई। इसी बीच विपक्षी सोमवार को उस जमीन पर जबरन नल गाड़ने लगे। इसी को लेकर दोनों पक्षों में तनातनी फिर जमकर मारपीट में तब्दील हो गई। यदि न्यायालय का आदेश आने तक पुलिस प्रशासन द्वारा विवादित जमीन पर जाने से दोनों पक्षों को रोक दिया गया होता तो ऐसी घटना की स्थिति शायद न बनती।

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    विवाद न हो इसके लिए दोनों पक्षों का एक सप्ताह पूर्व शांति भंग में चालान किया गया था। जब मामला न्यायालय के अधीन था तो झगड़ा करने की नौबत क्यों आई। इसे कुछ लोग सांप्रदायिक घटना होने का तूल दे रहे थे, ऐसे में कार्रवाई करनी पड़ी। कानून व्यवस्था बनाए रखना ही प्राथमिकता है। फिलहाल मुख्य आरोपी कमाल अहमद को जेल भेज दिया गया है।

    ओम प्रकाश चौबे

    थानाध्यक्ष त्रिलोकपुर

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    बैनामे के स्टांप में विक्रेता ने लिखा है कि क्रय की गई जमीन पर खरीदने वाले ने कब्जा पा लिया है। ऐसे में दुबारा कब्जा करने की बात कहां से आ गई। पूरी कार्रवाई नियमानुसार की गई है। स्टे आदेश के चलते उसकी पैमाइश भी संभव नहीं है।

    रामसूरत पाण्डेय

    एसडीएम, इटवा

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