श्रावस्ती में ककरा घाट पुल निर्माण जल्द ही होगा पूरा, पर्यटन और व्यापार को लगेंगे पंख
श्रावस्ती में ककरा घाट पुल का निर्माण शुरू होने से क्षेत्रवासियों में खुशी है। आजादी के बाद से ग्रामीण पुल की मांग कर रहे थे। पुल बनने से इकौना और सिरसिया ब्लॉक के 30 ग्राम पंचायतों को फायदा होगा। राप्ती नदी के कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी होती थी लेकिन अब शिक्षा व्यापार और आवागमन आसान हो जाएगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

जागरण संवाददाता, श्रावस्ती। बहुप्रतीक्षित ककरा घाट पुल निर्माण शुरू होने से क्षेत्रवासी मुदित हैं। पुल निर्माण से पर्यटन और व्यापार को भी पंख लगेंगे। इकौना व सिरसिया ब्लाक क्षेत्र के लगभग 30 ग्राम पंचायतों के नागरिक आजादी के बाद से ही ककरा घाट पर पुल निर्माण की मांग कर रहे थे। आजादी के बाद से हर चुनाव में मुद्दा बनता पुल निर्माण भाजपा शासनकाल में पूरा होते देख क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है।
इकौना क्षेत्र का एक तिहाई भाग राप्ती नदी के उत्तर में पड़ने से ब्लाक मुख्यालय से हमेशा कटा रहता है। दूसरी ओर राप्ती नदी के दक्षिण में स्थित लगभग 12 ग्राम पंचायतों के लोगों का लक्ष्मनपुर और सिरसिया से जरूरत पड़ने पर संपर्क नहीं हो पाता है। ककरा घाट पर पुल के अभाव में जून से दिसंबर तक नाव व जनवरी से लोगों को बांस-बल्ली के पुल के सहारे आवागमन करना पड़ता है।
दोआबा क्षेत्र में लोगों की आजीविका का साधन पशुपालन, सब्जी उत्पादन और कृषि है। भूमिहीन आसपास बाजारों में बतौर श्रमिक काम करके अपनी आजीविका चलाते हैं। ककरा घाट पर पुल न होने से न छात्र समय पर स्कूल पहुंचते न श्रमिक काम पर। समय पर न पहुंच पाने से पशुपालकों व सब्जी उत्पादकों के उत्पाद भी खराब हो जाते हैं। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान होता है। पुल निर्माण से दोआबा के लोगों के लिए शिक्षा, व्यापार और आवागमन सुविधाजनक हो जाएगा।
हाईवे से सीधे जुड़ सकता है दोआबा
पुल निर्माण हो जाने से इकौना और लक्ष्मनपुर का दोआब क्षेत्र वाया सिरसिया, तुलसीपुर व बौद्ध परिपथ से गोरखपुर से सीधे जुड़कर एक नया हाईवे उपलब्ध हो सकता है। इससे दोआबा विकास की मुख्य धारा में शामिल हो सकता है। पुल बनने से सोहेलवा वन्य क्षेत्र, पांडवकालीन विभूतिनाथ मंदिर व सोनपथरी आश्रम को श्रावस्ती से जोड़कर इको टूरिज्म क्षेत्र विकसित हो सकता है। इससे स्थानीय युवाओं के लिए घर बैठे रोजगार की नई संभावनाएं पैदा हो सकती हैं।
योगी-मोदी की सरकार कोरे वायदों के बजाय जनहित के कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। पूरे जिले में सड़कों का जाल बिछ रहा है। जिले के पर्यटन स्थलों पर विकास के लिए सरकार ने करोड़ों की योजनाएं स्वीकृत की हैं। योजनाएं पूरी होने के बाद पर्यटन क्षेत्र में रोजगार सृजन से युवाओं का महानगरों को पलायन भी रुकेगा।
- रामफेरन पांडेय, विधायक
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