गाजे-बाजे के साथ निकली 14 कोसी परिक्रमा, श्रद्धालुओं ने भोले शिव का किया जलाभिषेक
अक्षय नवमी पर विभूतिनाथ मंदिर से 14 कोसी परिक्रमा निकाली गई। भगवान शिव की शोभा यात्रा सिरसिया हनुमान मंदिर पहुंची, जहाँ जलाभिषेक हुआ। माता पार्वती का श्रृंगार कर उन्हें डोली में विराजमान किया गया। परिक्रमा राजियाताल पहुंची, जहाँ गंगा स्नान किया गया। श्रद्धालुओं ने भोले शंकर का अभिषेक कर मनोवांछित फल की कामना की।

संवाद सूत्र, श्रावस्ती। अक्षय नवमी पर्व पर गुरुवार को हिमालय की गोद में स्थित पांडवकालीन विभूतिनाथ मंदिर (गुप्तकाशी) आश्रम से पारंपरिक 14 कोसी परिक्रमा गाजे-बाजे के साथ शंखनाद करते हुए निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। मंदिर से डोली में विराजमान भोले शिव की शोभा यात्रा पटखौली, बेचईपुरवा, कलकलवा होते हुए सिरसिया हनुमान मंदिर चौराहा पहुंची। मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने भोले शिव का जलाभिषेक कर पूजन-अर्चन किया।
परंपरा के अनुरूप भोले शिव की बरात सिरसिया स्थित स्वर्गीय रामदुलारे सोनी के घर पहुंची। यहां उनके पुत्र-पौत्रों ने आदिशक्ति माता पार्वती का विशेष श्रृंगार पूजन कर माता पार्वती को डोली में विराजमान किया। साधु-संतों की विदाई की गई। भोले शिव व माता पार्वती की परिक्रमा यात्रा हनुमान मंदिर चौराहे से बालापुर, लालपुर, तकिया गांव होते हुए दुर्गंम पहाड़ी रास्तों से गुजरते हुए राजियाताल पहुंची। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया।
गंगाजल, पुष्प, बेलपत्र, दूध, अक्षत, भांग, धतूर के साथ भजन-कीर्तन करते हुए जंगलों में विराजमान वन देवी-देवताओं का दर्शन-पूजन करते हुए विभूतिनाथ आश्रम पहुंचे। यहां राजियाताल का पवित्र जल भोले शंकर को अर्पित कर मनोवांक्षित फल की कामना की। थानाध्यक्ष शैलकांत उपाध्याय महिला व पुरुष पुलिस टीम के साथ मुस्तैद रहे। आश्रम के महंथ शिव नाथ गिरि, प्रबंधक पद्माकर द्विवेदी, ओंकारनाथ शुक्ला, नंदराम गिरी, शेष नरायणन द्विवेदी, चंदन बाबा, परमजीत गिरी, बुधईराम विश्वकर्मा, बाबादीन परिक्रमा में शामिल हुए।

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