उफनाई राप्ती नदी, बाढ़ के पानी से घिरे गांव
नेपाल से 85 हजार 474 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गुरुवार

श्रावस्ती : नेपाल से 85 हजार 474 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गुरुवार की रात राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा। लाल निशान पार करते हुए नदी उफना गई। इससे तटवर्ती 21 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। पानी का तेज बहाव होने से भिनगा-मल्हीपुर मार्ग पर आवागमन बंद है।
गुरुवार की सुबह नेपाल की ओर से 34 हजार 260 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके बाद धीरे-धीरे कर राप्ती बैराज पर नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। शाम छह बजे नदी खतरे के निशान 127.70 सेमी से ऊपर पहुंच गई। रात करीब 11.45 बजे एक बार फिर नेपाल की ओर से 51 हजार 214 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके बाद नदी उफना गई। शुक्रवार सुबह पांच बजे जलस्तर 128.10 यानी खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने से नदी का पानी तटवर्ती गांवों की ओर बढ़ चला। मल्हीपुर से जिला मुख्यालय भिनगा को जाने वाले मार्ग पर सर्रा गांव के पास पानी का बहाव काफी तेज होने से इस रास्ते पर आवागमन बंद हो गया है। पिपराहवा, जोगिया, शमशेरगढ़, भुड़कुलवा, भौसाए, संगमपुरवा, कोकल, ओरीपुरवा, बेलरी, गंगा भागड़, हसनापुर, बंरगा, वीरपुर लौकी, कथरा, सलारूपुरवा, उत्तमापुर, नरैनापुर, लक्ष्मनपुर, समरहनिया, पोंदला व पोंदली गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। इससे ग्रामीण सहमे हुए हैं। दोपहर बाद नदी घटने लगी। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। गोशालाओं की व्यवस्था को लेकर अलर्ट
नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही गोशाला की व्यवस्था को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है। डीसी मनरेगा उपेंद्र पाठक ने बताया कि बाढ़ की दशा में गोवंश को कोई नुकसान न होने पाए, इसके निर्देश दिए गए हैं। गोशाला के कर्मचारियों को नजर बनाए रखने तथा गोशाला के निकट पानी पहुंचने पर गोवंश को सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के कहा गया है। यह रहा नदी का हाल समय जलस्तर सुबह पांच बजे 128.10 सुबह आठ बजे 128.00 दोपहर 12 बजे 127.70 शाम चार बजे 127.70
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