बेटी से दुष्कर्म के आरोपित को सश्रम आजीवन कारावास
रिश्तों को तार-तार कर नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के

श्रावस्ती : रिश्तों को तार-तार कर नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के आरोपित पिता को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए 51 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता सतेंन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि भिनगा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति अपनी बेटी को मारपीट कर चार माह तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। पीड़िता की बुआ के लड़के ने 17 अक्टूबर 2019 को आरोपित पिता के विरुद्ध भिनगा कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चिकित्सीय परीक्षण में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। अपर सत्र न्यायालय रेप एलांग विथ पाक्सो एक्ट के न्यायालय पर मामले का विचारण हुआ। अपर सत्र न्यायाधीश परमेश्वर प्रसाद ने मामले की सुनवाई करते हुए पिता को दोषी पाया। अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा, 51 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित।
शुक्रवार को सजा के बिदु पर सुनवाई के बाद आरोपित पिता को सश्रम आजीवन कारावास की सजा व 51 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड न अदा कर पाने पर दो वर्ष का साधारण कारावास भुगतना होगा। न्यायालय का मत था कि इस मामले में पीड़िता के साथ उसके पिता ने ही दुष्कर्म किया है। पीड़िता की सौतेली मां उसे घर में रहने नही दे रही थी। ऐसी स्थिति में पाक्सो अधिनियम के तहत राज्य सरकार से पीड़िता को दो लाख रुपये दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है। प्रतिकर के रूप में पीड़िता को दो लाख रुपये दिलाए जाने के लिए भी न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है।
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