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बौद्ध परिपथ जाम कर किसानों ने जताया आक्रोश

लखीमपुर खीरी कांड भाकियू नेताओं को नजरबंद किए जाने से खिन्न किसानों ने किया प्रदर्शन आंदोलन कर रहे किसानों ने हिरासत में लेकर पुलिस ने बहाल कराया आवागमन

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 10:13 PM (IST)
बौद्ध परिपथ जाम कर किसानों ने जताया आक्रोश

श्रावस्ती : मंगलवार को लखीमपुर खीरी में किसान परिवारों के घरों पर आयोजित होने वाली श्रद्धांजलि सभा व भोज में शामिल होने से रोकने के लिए सोमवार रात में ही पुलिस ने भाकियू के मंडल व तहसील अध्यक्षों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया। सूचना फैलते ही मंगलवार सुबह आक्रोशित किसानों ने इकौना के बौद्ध परिपथ स्थित मोहनीपुर के पास सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस किसानों को हिरासत में लेकर थाने ले आई। इस दौरान लगभग एक घंटे तक बौद्ध परिपथ पर आवागमन बाधित रहा।

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भाकियू के देवीपाटन मंडल अध्यक्ष विनोद शुक्ला व इकौना तहसील अध्यक्ष सोम शर्मा को कार्यकर्ताओं के साथ मंगलवार सुबह लखीमपुर कूच करने से रोकने के लिए प्रशासन ने रात में ही दोनों नेताओं को उनके घरों पर ही पुलिस फोर्स लगाकर नजरबंद कर दिया। इससे आक्रोशित किसान यूनियन के लगभग दो दर्जन कार्यकर्ताओं ने सुबह मोहनीपुर भट्ठे के निकट बौद्ध परिपथ पर जाम लगा दिया। आंदोलन कर रहे किसान पुलिस व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए किसान नेताओं को नजरबंद किए जाने की निदा कर रहे थे। सूचना मिलते ही इकौना सीओ महेंद्र पाल शर्मा व प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र पांडेय पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। किसान यूनियन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर जाम हटवा दिया। हिरासत में लिए गए किसानों को पुलिस थाने ले आई। बृजेश कुमार यादव, कैलाश शुक्ला, लालता यादव, सरवन कुमार गोस्वामी, रक्षाराम यादव, कृष्णावती, राजकुमार, सोमई चौधरी, संजीव तिवारी समेत दो दर्जन कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र पांडेय ने बताया कि किसी किसान को हिरासत में नहीं लिया गया है। जाम हटवाने के लिए किसानों को सड़क से हटा कर थाने पर बैठाया गया है।

कलेक्ट्रेट में धरने पर डटे किसान

किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर दूसरे दिन भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर में अनिश्चित कालीन धरने पर डटे रहे। संगठन के जिलाध्यक्ष राम स्वरूप वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार में किसान परेशान हैं। किसानों की समस्याओं को दबाया जा रहा है। उन्होंने पिपरी गोशाला में दर्ज मुकदमे वापस लेने, बेसहारा गोवंशों को सड़कों व खेतों से गो आश्रय स्थलों में संरक्षित करवाने, लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुए नरसंहार के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर जेल भेजने की मांग उठाई। राम नरेश, पृथ्वीराज यादव, राम सबूरे आर्या, पृथ्वी राजपाल, पवन कुमार वर्मा, लवकुश, दयाराम, हरीराम मौजूद रहे।


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