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    Delhi Blast: दिल्ली धमाके में श्रावस्ती के युवक दिनेश की मौत, गांव में पसरा मातम

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 03:48 PM (IST)

    दिल्ली में हुए धमाके में श्रावस्ती के दिनेश कुमार की मौत हो गई, जिससे उनके गांव में मातम पसर गया है। दिनेश की मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया है। गांव के लोग भी इस दुख की घड़ी में परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं। पूरे गांव में शोक की लहर है और लोग संवेदना व्यक्त कर रहे हैं।

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    जागरण संवाददाता, श्रावस्ती। सोमवार की शाम दिल्ली के लालकिला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए धमाके में इकौना क्षेत्र के गनेशपुर के चिकनीपुरवा निवासी दिनेश मिश्रा की मौत हो गई। इस घटना से परिवार की आजीविका का सहारा छिन गया। खबर मिलते ही पूरे गांव में मातम पसर गया है। दिनेश दिल्ली में प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे। परिवार के लोग शव लेकर गांव के लिए रवाना हो गए हैं।

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    चिकनीपुरवा गांव में जैसे ही दिनेश के मौत की खबर पहुंची, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। घर में कोहराम तो गांव में उदासी का माहौल है। पति की मौत के सदमे में पत्नी रीना देवी बार-बार मूर्छित हो रही है। तीन मासूम बच्चे (एक बेटा हिमांशु आठ वर्ष, दो बेटियां बिट्टा सात व सृष्टि चार वर्ष) के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। बूढ़े पिता भूरे मिश्रा की आंखें सदमे से सूख गई हैं।

     

    टीवी से मिली धमाके की जानकारी

     

    दिनेश के पिता भूरे ने बताया कि उन्हें टेलीविजन पर दिल्ली में हुए धमाके की जानकारी मिली। तुरंत बड़े बेटे को फोन कर तीनों बेटों का कुशलक्षेम जानना चाहा। दिनेश का फोन मिलाने की कोशिश की तो फोन बंद बता रहा था। बाद में सूचना मिली कि धमाके में मरने वालों में बेटे दिनेश का नाम भी शामिल है।

     

    मेला देखने गांव आए थे दिनेश

     

    कार्तिक पूर्णिमा पर सीताद्वार मेला देखने के लिए दिनेश दिल्ली से गांव आए थे। इसी बीच भतीजे का जन्मदिन भी था। तीन दिन गांव में रहने के बाद दिल्ली लौट गए थे।

     

    बूढ़े कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी

     

    पड़ोसियों ने बताया कि दिनेश के बड़े भाई दद्दू व छोटे भाई गुड्डू भी दिल्ली में ही रहकर दूसरी जगह काम कर रहे थे। घर की जिम्मेदारी बूढ़े पिता भूरे संभालते थे। आंखों में आंसू लिए दर्द भरी आवाज में पिता भूरे ने कहा कि बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने के लिए बेटा दिल्ली कमाने गया था। अब उन्हीं बच्चों का भविष्य अंधेरे में डूब गया है। गांव के लोगों ने बताया कि दिनेश मेहनती और मिलनसार व्यक्तित्व के थे। इस घटना के बाद मृतक की पत्नी और तीन बच्चों की कच्ची गृहस्थी का भार पिता के बूढ़े कंधों पर आ गया है।

     

    शाम तक गांव पहुंचेगा शव

     

    दिल्ली हुए धमाके में मृतक दिनेश का शव विधिक औपचारिकताओं के बाद एलएनजेपी अस्पताल से छोटे भाई गुड्डू को मिल चुका है। परिवार के लोगों के साथ शव लेकर वे गांव के लिए रवाना हो चुके हैं। मंगलवार देर शाम तक शव पहुंचने की संभावना है। गांव में अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं।

     

    घरों में ठंडे रहे चूल्हे

     

    धमाके में गांव के लाल की मौत की खबर से पूरा गांव सदमे में डूबा है। उदास ग्रामीणों के घर में मंगलवार को सुबह चूल्हा तक नहीं जला।घर छोड़कर ग्रामीण पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने में लगे रहे।