श्रावस्ती में भाजपा नेता की हत्या के छह दोषियों को आजीवन कारावास, दो साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
श्रावस्ती में दो साल पहले भाजपा नेता की हत्या के मामले में अदालत ने छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया। यह मामला दो साल पहले का है, जब श्रावस्ती में भाजपा नेता की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था। अदालत ने सबूतों के आधार पर यह सजा सुनाई।

जागरण संवाददाता, श्रावस्ती। भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष की हत्या करने के मामले में छह दोषियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक पर 22-22 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर दोषियों को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि 13 जून 2023 की रात लगभग 10 बजे भिनगा क्षेत्र के चकपिहानी गांव निवासी भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष माता प्रसाद उर्फ करिया कोटेदार क्षेत्र के बालानगर गांव निवासी पुतराम वर्मा के घर निमंत्रण में गए थे। यहां से घर लौटते समय रास्ते में पुरानी रंजिश को लेकर चकपिहानी गांव निवासी बड़के वर्मा उर्फ सोहनलाल वर्मा, पंकज वर्मा, अनूप वर्मा, पुत्तीलाल वर्मा, अरविंद वर्मा व रामअवतार राव ने बड़के वर्मा के पालेसर के पास माता प्रसाद उर्फ करिया कोटेदार पर जान से मार डालने की नीयत से लाठी-डंडे व कुल्हाड़ी से हमला कर दिया।
ग्रामीणों के घटनास्थल तक पहुंचने पर सभी धमकी देते हुए उसे मृत समझकर छोड़ कर फरार हो गए। माता प्रसाद की हालत गंभीर होने पर रात में ही उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया था, लेकिन लखनऊ मेडिकल कालेज पहुंचने के पहले ही उनकी मौत हो गई थी। माता प्रसाद को रास्ते में एक बार होश आया तो उन्होंने घटना के बारे में अपने पिता को बताया था। माता प्रसाद के पिता राधिका प्रसाद की तहरीर पर भिनगा कोतवाली में हत्या समेत विभिन्न धाराओं में सभी आरोपितों पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
मुकदमे की विवेचना हुई और न्यायालय पर आरोप पत्र प्रेषित किया गया था। मामले का विचारण अपर सत्र न्यायालय पर हुआ। अंतिम सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय पर हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) केपी सिंह ने बताया कि विचारण व सुनवाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश धर द्विवेदी ने सभी आरोपितों को दोषसिद्ध ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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