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    मन की सारी चिंता हर लो हे मनचिंता मैया

    By Edited By:
    Updated: Thu, 03 Nov 2016 12:20 AM (IST)

    श्रावस्ती: बुधवार को जिले में मनचिंता पर्व धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं ने निर्जला व्रत रख कर नदी, प

    श्रावस्ती: बुधवार को जिले में मनचिंता पर्व धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं ने निर्जला व्रत रख कर नदी, पोखर व तालाब किनारे विधि-विधान से मनचिंता देवी की पूजा-अर्चना की। दौरान देवी माता से सुख-समृद्धि की कामना की गई। जगह-जगह मेले का आयोजन कर लोगों को प्रसाद वितरण किया गया। आदिवासी थारू बाहुल्य गांवों में महिलाओं ने परंपरागत तरीके से त्योहार मनाया। देवी की पूजा-अर्चना के बाद देर शाम तक महिलाएं मदार की थाप पर नाचती-गाती रहीं। परिवार की सुख-समृद्धि की कामना व दुखों के हरण की आस लेकर भैया दूज के बाद महिलाएं मनचिंता पर्व मनाती हैं। इस दौरान महिलाएं व युवतियां निर्जला व्रत रख कर तालाबों व पोखरों के किनारे मनचिंता देवी की पूजा कर सूर्य को अ‌र्घ्य देती हैं। भिनगा नगर के सर्वामाई मंदिर पर पूजन-अर्चन के लिए सुबह से महिलाओं की भीड़ उमड़ने लगी। मंदिर परिसर में दिनभर मेले जैसा माहौल रहा। जगह-जगह स्टाल लगाकर लोगों ने श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया। भिनगा-सिरसिया मार्ग पर स्थित तीन शिवाला मंदिर पर भी महिलाओं ने मनचिंता देवी की पूजा की। हरिहरपुररानी संवादसूत्र के अनुसार-क्षेत्र के पटना खरगौरा गांव में स्थित पोखरा शिवमंदिर पर पहुंच कर महिलाओं ने विधि-विधान से मनचिंता देवी की पूजा-अर्चना की। इकौना संवादसूत्र के अनुसार अंबेडकरनगर मुहल्ले के रानी तालाब पर नगर व ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं ने सामूहिक रूप से धूप व अ‌र्घ्य देकर मनचिंता रानी की पूजा-अर्चना कर अपना व्रत पूर्ण किया। इसके साथ ही महिलाओं ने अपने परिवार व समाज के कल्याण के लिए प्रार्थना की। पूजन स्थल पर विशाल मेले का आयोजन किया गया था। इसके अलाव इकौना के दशहरा मैदान में भी मनचिंता पर्व पर विशाल मेले का आयोजन किया गया। इस दौरान समाजसेवियों की ओर से स्टाल लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। महिलाओं को सामाजिक सौहार्द का पाठ पढ़ाया गया। इकौना नगर पंचायत अध्यक्ष जीतेंद्र गुप्त की पत्‍‌नी रेनू गुप्ता ने कहा कि मनचिंता रानी की पूजा करने से मन की चिंता दूर होती है और सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। कार्यक्रम में सभी माताओं व बहनों का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। तालबघौड़ा संवादसूत्र के अनुसार-क्षेत्र के भचकाही, मोतीपुरकला, कटकुइयां आदि थारू बाहुल्य गांवों में मनचिंता पर्व पर महिलाएं उल्लास में डूबी रहीं। पूजन-अर्चन के बाद परंपरागत लोक नृत्य का कार्यक्रम शुरू हुआ। गिलौला, जमुनहा, सिरसिया, लक्ष्मननगर समेत अन्य स्थानों पर भी मनचिंता देवी की पूजा कर महिलाओं ने सुख-समृद्धि की कामना की।

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