Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मसाले की खेती के लिए तराई की भूमि उपयुक्त

    By Edited By:
    Updated: Sat, 17 Sep 2016 11:25 PM (IST)

    श्रावस्ती : आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज (फैजाबाद) के सब्जी विज्ञान विभाग ने कार्य

    श्रावस्ती : आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज (फैजाबाद) के सब्जी विज्ञान विभाग ने कार्यरत मसाला वैज्ञानिक डॉ. बिक्रमाप्रसाद पांडेय ने कहा है कि मसाले की खेती के लिए हिमालय की भूमि काफी उपयुक्त है। उन्होंने यहां के किसानों को पारंपरिक खेती से हट कर मसाले की खेती कर मुनाफा कमाने का सुझाव दिया। वे यहां गिलौला ब्लॉक के सेहनिया गांव के प्रगतिशील किसान कैलाश नाथ पांडेय के यहां आए थे और आसपास के क्षेत्र की मिट्टी व जलवायु का सर्वे किया। सर्वे के दौरान उन्होंने पाया कि हिमालय की तलहटी मसाले की खेती खास तौर से हल्दी व अदरक के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि गेहूं, धान, मक्का की खेती उतनी लाभकारी नहीं है जितनी मसाले की खेती। डॉ. पांडेय ने बताया कि इस पर कीटों व जंगली जानवरों का खतरा भी कम होता है। उन्होंने बताया कि हल्दी की नरेंद्र एक, दो, तीन व अदरक की सुप्रभा, सुप्रिया, बरदा, महिमा आदि प्रजातियां उपयुक्त हैं। उन्होंने बोआई के तरीके से किसानों को परिचित कराया और अदरक में फैलने वाले रोग राईजोमराठ कंद सड़न तथा हल्दी में होने वाले रोग पर्ण चित्ती व पर्ण धब्बा की पहचान से परिचित कराते हुए बचाव के उपाय भी सुझाए। डॉ. पांडेय ने धनिया, मेथी, सौंफ, अजवाइन, सोआ की बोआई की तैयारी शुरू करने की सलाह किसानों को दी। उनके मुताबिक अक्टूबर माह का अंतिम पखवारा मसाले की खेती के लिए उपयुक्त है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें