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    गन्ने पर मंडराया 'सूखा रोग' का खतरा

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    Updated: Tue, 12 May 2015 12:02 AM (IST)

    श्रावस्ती: सूरज की तपिश बढ़ने के साथ ही गन्ने की फसल पर 'सूखा रोग' का खतरा बढ़ने लगा है। ऐसे में गन्

    श्रावस्ती: सूरज की तपिश बढ़ने के साथ ही गन्ने की फसल पर 'सूखा रोग' का खतरा बढ़ने लगा है। ऐसे में गन्ना किसानों को सतर्क होने की जरूरत है। गन्ने में तेज धूप के कारण लगने वाले सूखा रोग से फसल का ऊपरी हिस्सा सूखने लगता है। इससे गन्ने का विकास रुक जाता है। समय पर इलाज नहीं किया गया तो पूरी फसल चौपट हो सकती है। इस रोग से बचाव के लिए सिंचाई के साथ दवाओं का छिड़काव जरूरी है।

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    गन्ना किसान अच्छी उपज लेकर कर लाभ पा सकें इसके लिए जरूरी है कि गन्ने का पूरा विकास हो तथा गन्ने की मोटाई अधिक हो।

    गर्मी के मौसम में गन्ने की फसल में लगने वाला सूखा रोग फसलों का विकास अवरुद्ध कर देता है। इससे न तो गन्ने की लंबाई बढ़ती है और न ही वह मोटा हो पाता है। एक स्तर तक बढ़ने के बाद गन्ने की फसल सूख जाती है। इससे उपज घट जाती है और गन्ने की खेती घाटे का सौदा हो जाता है। उप कृषि निदेशक सैय्यद बदरे आलम बताते हैं कि गर्मी के मौसम में एहतियात बरत कर किसान अपनी फसलों को बचा सकते हैं।

    शाम के समय करें सिंचाई

    उप कृषि निदेशक बताते हैं कि खेत में लगी फसल का नियमित देखभाल करें। गन्ने के ऊपरी हिस्से में सूखा रोग लग रहा हो तो शाम के समय गन्ने की सिंचाई करें। वे बताते हैं कि इस रोग से बचाव के लिए किसानों को एमीडाक्लोरोपिड दवा का छिड़काव भी करना चाहिए। उन्होंने बताया कि 17.5 प्रतिशत की एमीडाक्लोरोपिड की सौ एमएल मात्रा का दो सौ लीटर पानी में घोल बनाकर कर किसान इसे अपने गन्ने की फसल में छिड़काव करें। वे बताते हैं कि शाम के समय सिंचाई के साथ किसान कम से कम दो बार इस दवा का छिड़काव अपने खेतों में करें। इससे फसल में लग रहा सूखा रोग नष्ट हो जाएगा और गन्ने का तेजी से विकास शुरू हो जाएगा।

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