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    तापमान पांच डिग्री गिरा, उमस से राहत

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 18 Jul 2021 11:24 PM (IST)

    दिनभर आसमां में बादलों का डेरा रहा। बारिश नहीं हुई लेकिन तापमान करीब पांच डिग्री सेल्सियस कम हो गया है। ऐसे में उमस और गर्मी से राहत मिली रही। मौसम सुहावना रहा। अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस रहा।

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    तापमान पांच डिग्री गिरा, उमस से राहत

    शामली, जागरण टीम। दिनभर आसमां में बादलों का डेरा रहा। बारिश नहीं हुई, लेकिन तापमान करीब पांच डिग्री सेल्सियस कम हो गया है। ऐसे में उमस और गर्मी से राहत मिली रही। मौसम सुहावना रहा। अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस रहा।

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    मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को बारिश हुई थी। ऐसे में चिलचिलाती गर्मी से निजात मिली थी। लेकिन शुक्रवार और शनिवार को गर्मी में इजाफा हो गया था। साथ ही उमस भी काफी अधिक थी। रविवार सुबह से ही आसमान बादलों से घिरा हुआ था। बारिश की संभावना बनी हुई थी, लेकिन बदरा बरसे नहीं। लेकिन मौसम सुहावना बना रहा। इस कारण न अधिक गर्मी का अहसास रहा और न ही उमस का।

    शाम को फिर से काले बादल छाए, हल्की हवा भी चलती रही, लेकिन देर शाम तक बारिश नहीं हुई थी। शनिवार को तापमान अधिकतम 35.3 और न्यूनतम 24.5 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं, मौसम के मिजाज से किसानों की चिता भी कम हुई है। दरअसल, कुछ दिन पहले तक भीषण गर्मी पड़ रही थी, जिससे गन्ने व धान की फसल पर प्रतिकूूल प्रभाव पड़ रहा था। तीन दिन बारिश से धान के खेतों में अभी तक पानी भरा हुआ है।

    कृषि विज्ञान केंद्र शामली के वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि फसलों के लिए वर्तमान मौसम अनुकूल है। बासमती धान की रोपाई भी काफी किसान कर रहे हैं। बारिश से थोड़ा नुकसान सब्जियों की फसल को ही हुआ था।

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    बेसहारा गोवंशों से फसलों को नुकसान, मिले मुआवजा

    शामली, जागरण टीम।

    भारतीय गन्ना किसान संघ की रविवार को मेरठ रोड स्थित कार्यालय में बैठक हुई। संघ ने बेसहारा गोवंशों की समस्या से निजात दिलाने की मांग प्रशासन से की है। साथ ही अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

    भारतीय गन्ना किसान संघ के अध्यक्ष अनिल मलिक ने कहा कि बेसहारा गोवंश गन्ना, धान व अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई सालों से यह समस्या बनी हुई है। किसान पहले ही तमाम कारणों से परेशान रहता है। गोवंशों के कारण फसलों को जो नुकसान होता है, उसकी भरपाई के लिए मुआवजा देने की व्यवस्था भी की जाए।

    गन्ना भुगतान बेहद कम हुआ है और किसान आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। शासन-प्रशासन को कोई सरोकार नहीं है। मिल मालिकों के खिलाफ कुछ नहीं होता है, लेकिन किसान पर थोड़ा बिजली बिल का बकाया हो तो कनेक्शन काट दिए जाते हैं। जब तक ब्याज समेत पूरा भुगतान न हो, तब तक बिजली बिल, बैंक ऋण आदि जमा करने का किसी भी तरह का दबाव किसानों पर न बनाया जाए। बैठक में सुधीर मलिक, योगेंद्र प्रधान, राजेंद्र प्रधान, राजीव मलिक, संजय उपाध्याय, रविद्र पहलवान, अजयवीर आदि मौजूद रहे।