रामलीला में दशरथ के तीर से श्रवण कुमार का हुआ वध
कस्बे में श्रीराम भवन में चल रही रामलीला में मंगलवार को श्रवण लीला का शानदार मंचन किया। इसका दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। ...और पढ़ें

शामली, जेएनएन। कस्बे में श्रीराम भवन में चल रही रामलीला में मंगलवार को श्रवण लीला का शानदार मंचन किया गया। शांतनु पुत्र श्रवण कुमार अपने माता पिता की आंखों की रोशनी लौटाने के लिए महाराजा दशरथ के दरबार में जाते हैं और वहां पर गुरु वशिष्ठ से उनकी आंखें ठीक होने का उपाय पूछते हैं। गुरु वशिष्ठ श्रवण कुमार से कहते हैं कि यदि अपने माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर व उन्हें तीर्थों की यात्रा कराएं तो उनकी आंखें ठीक हो सकती हैं। श्रवण कुमार ने ऐसा ही किया वापसी में जब सरवन कुमार अयोध्या में आए तो कुछ जंगली जानवरों के भ्रम में महाराजा दशरथ श्रवण कुमार को तीर मार देते हैं। श्रवण कुमार का वध हो जाता है। इस प्रसंग के अभिनय में धन प्रकाश गिरी सरवान कुमार के अभिनय में देवी सिंह शांतनु के अभिनय में ऋषि पाल चौधरी ने शानदार मंचन किया। इस अवसर पर नरेश कुमार सैनी रामलीला कमेटी अध्यक्ष नीरज जैन सुखमाल सिंह, प्रदीप संगल, संदीप संगल, राजवीर सिंह चरण सिंह मेनपाल रामपाल सिंह, टेक मित्तल नरेश गोस्वामी श्रीनिवास बागड़ी श्याम सुंदर संगल आदि सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
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कच्ची गढ़ी में शुरू हुआ
रामलीला महोत्सव
गढ़ीपुख्ता : कच्ची गढी में सोमवार की रात रामलीला महोत्सव का शुभारंभ हो गया। रामलीला का उद्घाटन समाजसेवी व रामलीला कमेटी के कोषाध्यक्ष राकेश सैनी ने फीता काटकर किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने धरती को रावण जैसे राक्षसों से मुक्ति दिलाई थी। श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे। अपने पिता राजा दशरथ की आज्ञा से वे हंसते-हंसते सीता व लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए भी चले गए। हम सभी को भगवान श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए। इसके पश्चात नारद मोह की लीला का मंचन किया गया। इसमें दिखाया गया कि विष्णु द्वारा नारदजी का मुंह लाल कर देने से वे आक्रोशित हो जाते हैं और विष्णु को श्राप देते हैं कि धरती पर जन्म लेने पर उन्हें इसी लाल मुंह वालों की सहायता लेनी होगी। इस अवसर पर रामलीला कमेटी के प्रधान सेठपाल कश्यप, उप प्रधान शेखर सैनी, निर्देशक जगपाल सैनी, उप निदेशक व वरिष्ठ कलाकार राकेश कश्यप, ग्राम प्रधान इस्लाम, पूर्व प्रधान प्रतिनिधि फरहान खान, इंतजार रंगरेज सहित भारी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद रहे।

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