शामली के लाल ने साउथ अफ्रीका में बजाया डंका
शामली जेएनएन। दुनिया में कुछ अलग करने की ख्वाहिश हो या फिर देश का नाम बुलंदियों पर पहुंचाने का जज्बा यदि कोई ठान ले तो फिर मुश्किल नहीं है।

शामली, जेएनएन।
दुनिया में कुछ अलग करने की ख्वाहिश हो या फिर देश का नाम बुलंदियों पर पहुंचाने का जज्बा, यदि कोई ठान ले तो फिर मुश्किल नहीं है। बात दिल की हो तो दिमाग भी उसी राह पर दौड़ लगाने लगता है। ऐसा ही बचपन से करने का जज्बा था पराग के दिल में। यही वजह है कि बचपन से ही देश का नाम रोशन करने के लिए विदेश पहुंचने की जिद थी। बैंक की नौकरी में ही करियर की बात आई तो तो फिर यहां भी कुछ अलग करने की ठान ली। पराग साउथ अफ्रीका के सबसे बड़े बैंक में अफसर बनकर 70 लोगों की टीम को राह दिखा रहे हैं।
शामली शहर के मोहल्ला दयानंद नगर निवासी स्वर्गीय सत्यप्रकाश शर्मा के पुत्र पराग शर्मा ने हाईस्कूल देश भक्त इंटर कालेज और इंटर की पढ़ाई वीवी इंटर कालेज से की है। उसके बाद उन्होंने सहारनपुर के महाराज सिंह डिग्री कालेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी की। दिल्ली से वेब डिजाइनिग एंड ई-कामर्स डिप्लोमा लिया। पराग शर्मा के भाई डा. अनुराग शर्मा ने बताया कि साल 2008 में वह साउथ अफ्रीका आइबीएम कंपनी के माध्यम से सीनियर साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर तैनात रहे। उसके बाद उन्हें साउथ अफ्रीका की सबसे बड़ी आइटी कंपनी जीजिमा में एसओएएस के पद पर कार्य मिला। डा. अनुराग शर्मा ने बताया कि वर्तमान में वह साउथ अफ्रीका की राजधानी जोहान्सबर्ग में साउथ अफ्रीकन के सबसे बड़े बैंक स्टैंडर्ड में सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट के पद पर कार्य कर रहे हैं। पिछले 12 वर्षों से साउथ अफ्रीका में रहते हुए उन्होंने भारत में भी स्वयं की आईटी कंपनी भी संचालित कर रखी है। उनकी कंपनी का नाम सोलास्टा है। उनकी कंपनी के द्वारा भारत का पहला स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक देहरादून में स्थापित किया जा चुका है।
हर साल आते हैं शामली
पराग शर्मा ने अभी तक अपनी जन्म भूमि शामली को नहीं छोड़ा है। वह प्रत्येक साल करीब एक माह के लिए त्योहार के समय परिवार के साथ शामली आते हैं। अब से पहले वह दीपावली पर शामली आए थे।
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