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    आतंकी घटना पर यूं ही नहीं बढ़ती कैराना-कांधला की धड़कनें... व्यापार की आड़ में होती रही है तस्करी

    By Akash Sharma Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 11 Nov 2025 05:04 PM (IST)

    शामली के कैराना-कांधला का नाम आतंकी कनेक्शन में जुड़ता रहा है। इकबाल मलिक उर्फ काना ने गठरी उद्योग शुरू किया था। समझौता एक्सप्रेस से सूखे मेवे की आड़ में हथियार और नकली नोटों की तस्करी होती थी। इकबाल काना ने पाकिस्तान में रिश्तेदारी वाले लोगों का इस्तेमाल किया। 1995 में हथियारों की खेप पकड़ी गई, जिसके बाद काना पाकिस्तान भाग गया। पिछले 30 सालों में कई लोग गिरफ्तार हुए हैं।

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    सूखे मेवा, सिलाई मशीन के पुर्जों की आड़ में हथियारों की तस्करी। (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, शामली। देश में कहीं भी आतंकी घटना होने पर कैराना-कांधला की धड़कनें बढ़ जाती हैं। कई बार ऐसी वारदातों का कनेक्शन दोनों मोहल्लों से जुड़ता मिला। पाकिस्तान के लाहौर निवासी अनीस के सहारे कैराना, शामली समेत अन्य स्थानों के कुछ लोगों ने गठरी उद्योग की आड़ में तस्करी की शुरुआत की थी।

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    कैराना निवासी इकबाल काना इस धंधे में शामिल हो गया था। समझौता एक्सप्रेस के सहारे दिल्ली की खारी बावली मंडी तक पहुंचने वाले सूखे मेवे, मशीन के पुर्जों आदि की आड़ में अवैध हथियार, नकली नोट की तस्करी होती थी। 1990 से 1995 के बाद गठरी उद्योग की आड़ में हथियार, नकली नोट की तस्करी करने वाले इकबाल काना ने शामली, कैराना, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर निवासी कई लोगों को जोड़ लिया था, जिनकी रिश्तेदारी पाकिस्तान में है। जब-जब वे लोग पाकिस्तान जाते थे, या पाकिस्तान से उनके यहां कोई आता था तो वह उनके सहारे तस्करी कराता था। 1995 में दिल्ली में पाक से आ रही हथियारों की खेप में 276 पिस्टल पकड़ी गई थी।

    पाकिस्तान में रिश्तेदारी बना बहाना
    30 सालों में पाकिस्तान से नकली नोट, हथियार तस्करी में शामली, कैराना, कांधला, जलालाबाद, थानाभवन, झिंझाना निवासी 25 से अधिक लोगों को हरियाणा सीमा, दिल्ली और गुजरात में गिरफ्तार किया गया है। 2018 में मुल्तान कूकर में छिपाकर पिस्टल लेकर आया था, जबकि कई कपड़ों और मिठाई की आड़ में हथियार लाते हुए पकड़े गए हैं। अधिकतर लोगों की गिरफ्तारी अटारी और वाघा बार्डर पर हुई है।

    जिले में संदिग्ध गतिविधियों का इतिहास
    -कैराना निवासी इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा पाकिस्तान में रहकर नकली नोट और हथियारों की सप्लाई का नेटवर्क चला रहे हैं।
    -वर्ष 2000 में मुजफ्फरनगर के गांव जौला से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के कमांडर मोहम्मद वारस को गिरफ्तार किया गया।
    -वर्ष 2005 में एसटीएफ ने शामली से पांच किलो आरडीएक्स और अत्याधुनिक असलाह के साथ जम्मू कश्मीर निवासी तीन युवकों को गिरफ्तार किया था।

    -2007 में कांधला के मुहल्ला शेखजादगान निवासी साबिर पुत्र नूरा और मोहल्ला रायजादगान निवासी शकीरन अटारी बार्डर पर हेरोइन के साथ पकडी गई थी ।
    -2013 में कांधला के मुहल्ला शेखजादगान निवासी शहनाज , मुल्ला नसीर और अनीस को हथियार तस्करी के आरोप में अटारी बार्डर पर पकड़ा गया।
    -2015 में थानाभवन के मदीना कालोनी में रह रहा बांग्लादेशी यासीन परिवार सहित फरार हो गया था। उसने राशन कार्ड भी बनवा लिया था।

    -2016 में गंगेरू निवासी इस्माईल को अटारी बार्डर पर टिन के बॉक्स में चार पिस्टल और सात मैगजीन के साथ दबोचा गया।
    -नवंबर 2016 में नाभा जेल ब्रेक कर खालसा लिब्रेशन फ्रंट के चीफ सहित छह आतंकियों को भगाने का मास्टर माइंड परमिंदर उर्फ पिंदा कैराना से गिरफ्तार किया गया।
    -29 अक्तूबर 2016 को कैराना निवासी फरहत खान को दिल्ली में पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

    -2018 में कैराना निवासी पाकिस्तान से कुर्कर की आड़ में पिस्टल लाते हुए गिरफ्तार किया गया था।
    -साल 2023 में एसटीएफ मेरठ ने आइएसआइ एजेंट कलीम को गिरफ्तार किया, जो पाकिस्तान में 14 महीने रहकर आया था। साथ ही उसके भाई तहसीम मोटा को भी गिरफ्तार किया गया।
    -साल 2024 में हरियाणा की सीआइए टीम ने कैराना निवासी नोमान को गिरफ्तार किया था। आरोपित आइएसआइ कमांडर इकबाल काना के संपर्क में था और देशी विरोधी गतिविधि में शामिल पाया गया।