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    शामली का AQI 295 के पार, सांस के मरीजों की बढ़ी तकलीफ; प्रदूषण से बचाव को बरतें ये सावधानी

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 04:44 PM (IST)

    शामली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, रविवार को एक्यूआइ 295 दर्ज किया गया। चिकित्सकों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन हो रही है। विशेषज्ञों ने बुजुर्गों और बच्चों को विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है। पराली जलाने पर जुर्माने की चेतावनी दी गई है।

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    जागरण संवाददाता, शामली। जिले में प्रदूषित हवा कम होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले दिनों से 300 पार हो चुका एक्यूआइ लगातार 250 से ऊपर ही चल रहा है। रविवार को यह 295 रहा।

    चिकित्सक खराब श्रेणी की हवा पर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। रविवार को लोगों ने सैर से किनारा ही किया। हालात यह रहे कि लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ ही देर रात तक आंखों में जलन महसूस होती रही।

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    जिले में प्रदूषण बढ़ चुका है, और पड़ोसी जिलों की तर्ज पर ही शामली भी खराब श्रेणी से जूझ रहा है। एक्यूआइ अब 300 पार हो चुका है। कभी बढ़ रहा है, तो कभी मामूली घट रहा है।

    आंकड़ों पर गौर करें तो दीपावली के एक दिन बाद एक्यूआइ 260 पर था, लेकिन फिर घटकर 150 और इसके बाद 300 व 304 और रविवार को 309 तक पहुंच गया। 295 के साथ रविवार अत्यंत खराब श्रेणी में है।

    इसके बाद से यह फिर से लोगों की सांस फुलाने लगा है। लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में घुटन महसूस होती रही। बुजुर्ग रामफूल सिंह ने बताया कि वह सुबह निकला तो आंखों में जलन के साथ ही सांस लेने में परेशानी हुई तो रास्ते से ही घर की ओर वापस हो गया।

    हामिद, प्रवेश और दिनेश शर्मा ने बताया कि सुबह सैर के दौरान प्रदूषण ज्यादा था, जिस कारण सांस लेने में तो दिक्कत रही। आंखों में भी चुभन सी महसूस हुई। पिछले 35 पहले तक यह 150 से नीचे ही चल रहा था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर के क्षेत्रीय अधिकारी गीतेश चंद्रा का कहना है कि शामली की सटीक जानकारी तो नहीं है, लेकिन मुजफ्फरनगर के सापेक्ष आंकड़ों से 295 एक्यूआइ का अनुमान है।

    बच्चों व बुजुर्ग लोगों की अधिक मुश्किल

    शामली सीएचसी अधीक्षक डा. दीपक कुमार ने बताया कि स्माग के कारण अस्थमा या सांस के रोगियों को परेशानी होती है। ऐसे में उनकी सांस फूलने लगती है, और उनको काफी तकलीफ रहती है। ऐसे माहौल में इस तरह के रोगी को घर में रहना चाहिए। प्रदूषण बढ़ने से समस्याएं आ रही है।

    सीएचसी पर भी इस तरह के मरीज पहुंच रहे है। वहीं नेत्र रोग चिकित्सक डा. उमंग अग्रवाल ने बताया कि स्माग के कारण आंखों में जलन होती है। यदि आंखों में जलन होती है तो घर जाकर आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए।

    फेफड़ों में संक्रमण, बीपी हार्ट की समस्याएं

    वरिष्ठ हृदय एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. यशपाल शर्मा ने बताया कि प्रदूषित हवा काफी नुकसानदायक रहती है। इससे बचवा बेहद जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि प्रदूषण से त्वचा रोग, फेफड़े में इंफेक्शन, हार्ट डिजीज, बाल झड़ना, आंख और नाक में जलन, हाई ब्लड प्रेशर और ब्रेन स्ट्रोक जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

    फसल अवशेष न जलाएं, वरना लगेगा जुर्माना

    जिला कृषि अधिकारी प्रदीप यादव ने किसानों से अपील की, कि धान आदि की कटाई करते समय अनिवार्य रूप से एसएमएस का प्रयोग करना सुनिश्चित करें।

    कोई भी कंबाइन हार्वेस्टर स्वामी बिना एसएमएस के धान की कटाई करते हुए मिलता है तो सीजर की कार्रवाई की जाएगी। पराली फसल अवशेष व कूडा अवशेष किसी भी स्थान पर जलाया जाता है तो संबंधित को चिह्नित कर उसके विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

    एक्यूआइ की श्रेणी

    • 0 से 50 - अच्छा
    • 50 से 100 - संतोषजनक
    • 100 से 200 - संवेदनशील
    • 200 से 300 - खराब
    • 300 से 400- अत्यंत खराब
    • 400 से 500 - खतरनाक