रविवार को थी परमजीत की शादी, आशीष की चार दिसंबर को...सब कुछ हो गया खत्म
शनिवार को हरिद्वार जाने की तैयारी कर रहे चार दोस्तों की सड़क हादसे में मौत हो गई। तीनों मृतकों - परमजीत, साहिल और आशीष - के पिता पहले ही गुजर चुके हैं और वे अपने परिवारों के इकलौते बेटे थे। रविवार को परमजीत की शादी थी और आशीष की शादी भी तय थी। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है।

साहिल, आशीष, परमजीत और विवेक। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, शामली। हाईवे पर हुए हादसे ने तीन घरों का चिराग भी बुझा दिया। बचपन की दोस्ती का भी अंत कर दिया। चारों युवकों में से तीन के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे स्वजन और ग्रामीणों ने कहा कि अब परिवारों का क्या हुआ। चारों की दोस्ती बहुत गहरी थी और सड़क हादसे में चारों की साथ ही मौत हो गई।
पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे ग्रामीण राजेश, गौरव, अनिल, पवन, मंजीत आदि ने बताया कि चारों युवकों की दोस्ती की सब मिसाल दिया करते थे। भले ही उनमें खून का रिश्ता न था, लेकिन वह एक-दूसरे के लिए हर वक्त तैयार रहते थे। बचपन से ही चारों की दोस्ती थी। कहीं आना-जाना हो या फिर कोई काम करना हो तो चारों साथ ही रहते थे। चारों के बीच सगे भाइयों से भी अधिक प्रेम था। वह पहले भी कई बार हरिद्वार स्नान के लिए जा चुके थे।
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार को परमजीत की शादी थी, जिसकी तैयारी चल रही थी। कुछ दिन पहले ही परमजीत के साथ तीनों ने कपड़ों की भी खरीदारी की थी। शुक्रवार रात एक साथ चारों युवकों की मौत ने सब कुछ खत्म कर दिया। आशीष की शादी भी चार दिसंबर को होनी थी, जिसकी तैयारी शुरू होने से पहले ही खत्म हो गईं।
घर में तीन युवक इकलौते बेटे थे
परमजीत, साहिल, आशीष तीनों के ही पिता की काफी पहले मौत हो चुकी है, और तीनों ही इकलौते बेटे थे। विवेक का बड़ा भाई भी है, जो पढ़ाई करता है। परमजीत दो विवाहित बहनों का इकलौता भाई था। बीए तक पढ़ाई पूरी करने के बाद वह खेती कर रहा था।
शुक्रवार शाम ही साहिल अपनी माता सरिता को मामा के घर से लेकर आया था, और बाद में दोस्तों संग हरिद्वार के लिए निकल गया था। आशीष दो बहनों का इकलौता भाई था, वह भी खेती कर रहा था। उसकी एक बहन विवाहित है, जबकि दूसरी बहन आस्ट्रेलिया में पढ़ाई करती है। विवेक इनमें सबसे छोटा था और बीए में पढ़ाई कर रहा था।

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