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    फैटी नहीं, फिट लिवर चाहिए तो सुधारनी होगी जीवनशैली

    जीवनशैली बिगड़ गई है। न खाने का समय निर्धारित है और न ही सोने का। शारीरिक श्रम भी कम हो गया है। इससे तमाम बीमारियां जकड़ रही हैं और फैटी लिवर की समस्या का प्रमुख कारण भी जीवनशैली ठीक न होना ही है। युवाओं का लिवर (यकृत) भी फैटी हो रहा है। चिकित्सकों के अनुसार दिनचर्या को व्यवस्थित कर और खानपान में सुधार कर हम लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं।

    By JagranEdited By: Updated: Mon, 18 Apr 2022 10:49 PM (IST)
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    फैटी नहीं, फिट लिवर चाहिए तो सुधारनी होगी जीवनशैली

    शामली, जागरण टीम। जीवनशैली बिगड़ गई है। न खाने का समय निर्धारित है और न ही सोने का। शारीरिक श्रम भी कम हो गया है। इससे तमाम बीमारियां जकड़ रही हैं और फैटी लिवर की समस्या का प्रमुख कारण भी जीवनशैली ठीक न होना ही है। युवाओं का लिवर (यकृत) भी फैटी हो रहा है। चिकित्सकों के अनुसार, दिनचर्या को व्यवस्थित कर और खानपान में सुधार कर हम लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं।

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    चिकित्सक डा. पंकज गर्ग ने बताया कि लिवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से है। यह शरीर में पित्त बनाता है और भोजन को पचाता है। साथ ही संक्रमण से लड़ने, शरीर से विषैले तत्व को बाहर निकालने से लेकर प्रोटीन बनाने तक में मदद करता है। आजकल सभी का खानपान बिगड़ा हुआ है। तला-भुना और फास्ट फूड अधिक खाते हैं। लोग वसा का सेवन अधिक कर रहे हैं और शारीरिक श्रम बेहद कम या बिल्कुल नहीं कर रहे हैं। ऐसे में मोटापा भी बढ़ रहा है और लिवर भी फैटी हो रहा है। इसमें लिवर की कोशिकाओं पर वसा जमने लगती है और सूजन आ जाती है। अगर समय से उपचार न शुरू हो तो समस्या बढ़ सकती है। अल्ट्रासाउंड और लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) से पता चलता है कि लिवर में क्या दिक्कत है। चिकित्सक डा. विजेंद्र का कहना है कि हमें खानपान में संयम बरतना चाहिए। कम से कम प्रतिदिन एक घंटा योग-व्यायाम करना चाहिए। अगर लिवर की बीमारी से जुड़े हल्के लक्षण भी दिखाई दें तो चिकित्सक को तुरंत दिखाना चाहिए। हेपेटाइटिस भी वायरस जनित लिवर की बीमारी है। हेपेटाइटिस (ए, बी, सी, डी और ई) पांच प्रकार की होती है। हेपेटाइटिस बी से बचाव को वैक्सीन लगवाएं। हेपेटाइटिस-एक सबसे अधिक होता है, जिसे आम भाषा में पीलिया कहते हैं।

    आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. नीरज का कहना है कि लिवर को स्वस्थ रखने के लिए पपीता, आंवला, नीबू, त्रिफला, मट्ठा आदि का अधिक सेवन करना चाहिए। अगर शुगर की बीमारी नहीं है तो गन्ने का रस भी फायदेमंद है। शुगर रोगी जामुन के सिरके का प्रयोग कर सकते हैं। ये लक्षण आएं तो चिकित्सक को दिखाएं

    -अगर अचानक भूख कम लगने लगी है।

    -आंखों में पीलापन आ रहा है।

    -यूरिन पीले रंग का आ रहा है।

    -पेट में दर्द और उल्टी की समस्या है।

    -कब्ज रहना

    -भोजन का न पचना ये बरतें सावधानी

    -शराब का सेवन न करें।

    -तला-भुना और अधिक मसाले वाले आहार से दूरी बनाएं।

    -फास्ट फूड भी न खाएं।

    -नियमित रूप से व्यायाम-योग करें।

    -भोजन समय से करें और पर्याप्त नींद लें।

    -स्वच्छ पानी पिएं।