तीन बच्चे स्कूल नहीं गए थे, पिटाई के डर से घर भी नहीं लौटे...150 पुलिसकर्मी लगे तलाश में और फिर हुआ यह सब
शामली के आदर्श मंडी थाना क्षेत्र में तीन बच्चे स्कूल जाने के बजाय बाग में खेल रहे थे। पिता की पिटाई के डर से वे घर नहीं गए। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए ड्रोन की मदद से 10 किलोमीटर के दायरे में बच्चों को ढूंढा और गन्ने के खेत से सकुशल बरामद किया। डीजीपी कार्यालय भी मामले की जानकारी ले रहा था।

आदर्श मंडी थानाक्षेत्र के गांव बधेव में छुट्टी के बाद पिता की पिटाई से डर कर बच्चे घर नहीं गए और बाग में ही छिपे रहे। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, शामली। स्कूल जाने के बजाए तीन भाई-बहन आम के बाग में खेलने लगे। छुट्टी के बाद पिता की पिटाई से डर कर वह घर नहीं गए और बाग में ही छिपे रहे। स्वजन और ग्रामीणों ने तलाश किया, लेकिन कहीं नहीं मिले। शाम सात बजे स्वजन ने डायल 112 पर काल किया तो पुलिस हरकत में आ गई। चार घंटे तक 10 किमी का क्षेत्र तलाश किया तो बच्चे ईख के खेत में छिपे मिल गए, जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। वहीं, डीजीपी मुख्यालय से भी हर 15 मिनट में बच्चों के बारे में पता किया जा रहा था।
आदर्श मंडी थानाक्षेत्र के गांव बधेव निवासी एक व्यक्ति गांव में ही दुकान करता है। उनके तीन बच्चे हैं। एक बच्चा 12 साल, 10 साल की बेटी और आठ साल का सबसे छोटा। तीनों ही गांव के निजी स्कूल में कक्षा चार, दो और एक में पढ़ते हैं। थाना प्रभारी बीनू सिंह ने बताया कि चार दिन पहले बच्चों की मां मायके में किसी की मौत होने पर चली गई थी।
घर पर बच्चे और उनका पिता ही मौजूद थे। गुरुवार सुबह तीनों बच्चे घर से स्कूल के लिए निकल गए थे, जबकि पिता अपने काम पर चले गए थे तो सुबह करीब 11 बजे गांव के ही एक दूसरे बच्चे मां स्कूल गई थी, जहां पता चला कि उसका बेटा और अन्य तीनों बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे हैं। उसने घर पहुंचकर अपने स्वजन और बच्चों के पिता को इसकी जानकारी दी। तभी से बच्चों की तलाश शुरू हो गई थी। स्कूल के शिक्षक भी बच्चों को तलाश करने में जुटे थे। हालांकि एक बजे महिला का बच्चा घर पहुंच गया और उसने बताया कि तीनों भाई-बहन बाग में छिपे हैं। जब सब लोग वहां पहुंचे तो बच्चे नहीं थे।
उन्होंने आसपास खेतों और बाग में देखा, लेकिन बच्चे नहीं मिले। करीब सात घंटे तक सभी बच्चों को यहां से वहां तलाश करते रहे। शाम सात बजे स्वजन ने डायल-112 पर काल किया तो पुलिस हरकत में आ गई। थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और बच्चों की तलाश की। ड्रोन भी मंगा लिया गया और खेतों और बाग में देखा। करीब 10 किमी के दायरे में लगातार तलाश चलती रही। रात करीब 11 बजे बच्चे ईख के खेत में छिपे हुए सकुशल बरामद हो गए, जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। थाना प्रभारी ने बताया कि तीन बच्चों के लापता होने की जानकारी जब डीजीपी कार्यालय को हुई तो हर 15 मिनट में वहां से काल कर बच्चों के बारे में पता किया जाता रहा।
पेड़ पर चढ़ गए थे तीनों भाई-बहन
थाना प्रभारी ने बताया कि जब बच्चे ने लापता बच्चों के बारे में बताया कि वे बाग में हैं, तो सभी वहां पहुंच गए थे। इस दौरान बच्चे बाग में पेड़ों पर चढ़कर छिप गए थे। सभी लोग नीचे तलाश करते रहे, लेकिन बच्चे नहीं मिले। खेतों में भी देखा था। पुलिस भी बाग और ईख के खेत में तलाश कर रही थी। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे ईख के खेत में मिले थे। इस दौरान करीब 150 पुलिसकर्मी बच्चों को तलाश कर रहे थे। ड्रोन से भी बच्चों को देखा जा रहा था।

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