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    UP Politics: सपा को मिल गया नया मुद्दा, महापंचायत बदल सकती है पश्चिम यूपी की सियासी तस्वीर

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 04:50 PM (IST)

    कैराना सांसद इकरा हसन के अपमान को सपा मुद्दा बनाएगी। अखिलेश यादव के समर्थन के बाद हरेंद्र मलिक ने महापंचायत का ऐलान किया है जिससे वेस्ट यूपी की सियासत में बदलाव की संभावना है। सपा इसे महिला सम्मान और संसदीय अधिकारों के हनन का मुद्दा बना रही है। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने भी समर्थन दिया है।

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    सांसद इकरा हसन से एडीएम के दुर्व्यवहार को मुद्दा बनाएगी सपा

    जागरण संवाददाता, शामली। कैराना सांसद इकरा हसन के अपमान को सपा मुद्दा बनाएगी। भाजपा महिला, बेटी बचाओं का नारा देती रही है। ऐसे में तर्क है कि संसदीय अधिकारों के हनन के साथ ही महिला, सियासतदां और राजनीतिक तस्वीर को बदरंग होने से बचाने को अब सड़कों पर उतरने से गुरेज नहीं होगा।

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    सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक्स पर पोस्ट के बाद ही मुजफ्फरनगर सांसद हरेंद्र मलिक ने कांवड़ यात्रा के बाद महापंचायत का ऐलान किया है। महापंचायत हुई तो वेस्ट यूपी की सियासत की तस्वीर भी बदल सकती है।

    कैराना लोकसभा क्षेत्र से सांसद इकरा हसन से सहारनपुर एडीएम के अभद्र व्यवहार के प्रकरण में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पक्ष में उतरे है। गुरुवार को अखिलेश ने एक्स पर पोस्ट किया कि जो सांसद का सम्मान नहीं करते, वो जनता का क्या करेंगे।

    सांसद के एडीएम की शिकायत करने व अखिलेश की पोस्ट के साथ ही मुजफ्फरनगर के सपा सांसद हरेंद्र मलिक एकतरफा इकरा के पक्ष में आ गए हैं। दरअसल, इकरा महिला सांसद है और उच्च शिक्षित है।

    एडीएम के प्रोटोकाल के उल्लंघन के साथ ही इस तरह का व्यवहार को विपक्षी नेता भविष्य में भी राजनीतिज्ञों के लिए भी ठीक नहीं मा रहे है। इसके इतर भाजपा महिला सम्मान की बात करती रही है और जनता से मधुर संवाद के दावें है, जिस पर अब सपा के रूख से साफ हो चुका है, कि पार्टी इकरा हसन के अपमान को मुद्दा बनाएगी।

    सांसद हरेंद्र ने इस लड़ाई को सड़क से संसद तक लड़ने का ऐलान कर वेस्ट यूपी में सियासी गरमाहट बढ़ा दी है। सांसद ने कांवड़ यात्रा के बाद (23 जुलाई के बाद) मुजफ्फरनगर में महापंचायत का ऐलान किया है।

    गौरतलब है कि करीब तीन दशक पहले से दिवंगत सांसद मुनव्वर हसन और सांसद हरेंद्र मलिक पुरानी साथी रहे है। हरेंद्र-मुनव्वर की दोस्ती खूब जगजाहिर रही है। उस दौर में वेस्ट यूपी की सियासत की दशा व दिशा दोनों की जोड़ी तय करने में अहम भूमिका निंभाती थी।

    सांसद मलिक वेस्ट यूपी की राजनीति में मजबूत दखल रखते है। 2024 में रालोद से सपा का गठबंधन टूटने के बावजूद जाट मुस्लिम समीकरण से भारी मतों से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को चुनाव हरा चुके है।

    वहीं अखिलेश के खासम-खास माने जाने वाले हरेंद्र मलिक का इस तरह से महापंचायत का ऐलान करना सपा की बड़ी योजना की ओर रूख करता है। दूसरी भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने युवा नेता को देश की धरोहर और सांसद से हुए दुर्व्यवहार को तानाशाही करार देते हुए समर्थन दे चुके है।

    ऐसे में साफ है कि महापंचायत में शामली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत वेस्ट से बड़ी संख्या जुट सकती है। हालांकि अभी शासन ने प्रकरण में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।

    विधायक बेटे के लिए हरेंद्र चुके महापंचायत

    मुजफ्फरनगर में साल 2009 में विकास भवन में चल रही बैठक में विधायकों पर तत्कालीन जिला विकास अधिकारी ने चोर उच्चके विधायक बन गए कहते हुए तंज कस दिया था। विधायक पंकज मलिक को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया था। प्रकरण में गुस्साएं उनके समर्थकों ने डीडीओ से हाथापाई कर दी थी।

    शासन स्तर तक मामला पहुंचा, विधायक पर एफआइआर और भगौडा तक घोषित किया गया। ऐसे में सांसद हरेंद्र ने सर्वदलीय महापंचायत बुलाई, जिसमें हरियाणा, यूपी समेत देशभर से बड़े दिग्गज नेताओं का डेरा डाल दिया गया। नतीजतन आधी रात में प्रशासन को झुकना पड़ा और मुकदमें वापिस लिए गए।

    भाजपा सरकार में अफसर बेलगाम हो चुके है। कांवड़ बाद महापंचायत होगी और इस लड़ाई को सड़क से संसद तक लड़ने का काम समाजवादी पार्टी करेगी। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को बात कहने का अधिकार है। यह महिला सांसद के अपमान का ही मामला नहीं, बल्कि संविधान, समानता और जन-मन की आवाज को दबाने की कोशिश है। - हरेंद्र मलिक, सांसद मुजफ्फरनगर

    बुलडोजर राज ने नौकरशाही को निरकुंश बना दिया है, वो बहुत ताकतवर हो गई है। विपक्ष की छोड़िए वो सत्ता पक्ष के नेताओं को कुछ नहीं समझ रहे है। सांसद से दुर्व्यवहार प्रकरण में एडीएम के खिलाफ कार्रवाई त्वरित नहीं हुई तो सपा अगले कदम के लिए तैयार है। - प्रोफेसर सुधीर पंवार, राष्ट्रीय प्रवक्ता सपा