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    इफको टोकियो इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक पर 3.92 लाख का जुर्माना

    By Anuj KumarEdited By: Jagran News Network
    Updated: Thu, 18 Sep 2025 06:10 PM (IST)

    इफको टोकियो इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक पर 3.92 लाख का जुर्माना

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    इफको टोकियो इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक पर 3.92 लाख का जुर्माना

    शामली : उपभोक्ता की कार चोरी होने पर इफको टोकियो इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम नहीं दिया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष ने वाद की सुनवाई करते हुए कंपनी के प्रबंधक पर 3.92 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही बीमा क्लेम की धनराशि पर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी कंपनी को देना होगा।

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    शामली के मुहल्ला पंसारियान निवासी नौशाद ने 17 जून 2020 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया था। इसमें उपभोक्ता ने अवगत कराया कि उसके पास ईको गाड़ी माडल 2017 है, जिसे महिंद्रा एंड महिंद्रा से फाइनेंस कराया था। इस गाड़ी का इंश्योरेंस इफको टोकियो इंश्योरेंस कंपनी से कराया था। गाड़ी का बीमा 14 नवंबर 2017 से 13 नवंबर 2018 तक था। प्रीमियम की धनराशि 15 हजार आठ सौ 99 रुपये एवं इंश्योर्ड वेल्यू तीन लाख 32 हजार आठ सौ 31 रुपये थी। उपभोक्ता 17 जुलाई 2018 को कस्बा बुढ़ाना गया था, और गाड़ी को सही से लाक करने के बाद दुकान पर चाय पीने चला गया। वापस आने पर देखा तो गाड़ी नहीं थी। वह चोरी हो गई थी, जबकि गाड़ी में ही सभी कागजात, आइडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि रखे थे। काफी तलाश करने के बावजूद गाड़ी नहीं मिली। उसी दिन प्रभारी निरीक्षक कोतवाली बुढ़ाना को चोरी की सूचना की तहरीर दे दी थी, जिस पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। बाद में फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में भेज दी गई थी। उपभोक्ता ने महिंद्रा एंड महिंद्रा को सूचना दी और तत्काल घटना से इफको टोकियो इंश्योरेंस कंपनी प्रबंधक को भी अवगत कराया गया था। उनको जरूरी कागजात तैयार करने के लिए कहा, जिसमें वह जुट गया। उसकी एफआइआर बड़ी मुश्किल से दर्ज की गई थी, जिसके बाद 23 जुलाई 2018 को इफको टोकियो के कस्टमर केयर पर बात करके क्लेम दर्ज किया गया। 31 जुलाई 2018 को कंपनी का सर्वेयर आया और कुल 12 दस्तावेज बीमा कंपनी के सर्वेयर ने गवाह सरफराज मलिक की उपस्थिति में प्रदान किए गए। उसको इफको टोकियो के शाखा प्रबंधक का पत्र 30 अक्टूबर 2018 का 10 दिसंबर 2018 को प्राप्त हुआ, जिस पर वांछित मांगों की पूर्ति कर डाक से पते पर भेज दिया। इसके बाद बीमा कंपनी का पत्र 26 जुलाई 2019 को मिला, जिसमें क्लेम दावे शर्तों का उल्लंघन करते हुए निरस्त कर दिया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता ने सदस्य अमरजीत कौर एवं अभिनव अग्रवाल की मौजूदगी में निर्णय सुनाया। इसमें उन्होंने आदेश दिए कि बीमा कंपनी धनराशि तीन लाख 32 हजार 831 रुपये मय छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर क्लेम निरस्तीकरण की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक देंगे। वाद व्यय 10 हजार रुपये एवं सेवा में कमी व अनुसूचित व्यापार व्यवहार पर 50 हजार का अर्थदंड आयोग में जमा कराएंगे। इसके साथ ही चेतावनी दी कि निर्धारित 45 दिवस की अवधि के भीतर धनराशि जमा न कराने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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    अनुज सैनी