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    हम समय बर्बाद करेंगे तो समय हमें बर्बाद कर देगा

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 04 Nov 2020 11:11 PM (IST)

    यदि हम समय बर्बाद करेंगे तो समय हमें बर्बाद कर देगा। समय किसी के लिए भी इंतजार नहीं करता यह लगातार भागता रहता है और हमें समय से सीखना चाहिए। हमें तब तक नहीं रुकना चाहिए जब तक हम अपने लक्ष्य तक न पहुंच जाए।

    हम समय बर्बाद करेंगे तो समय हमें बर्बाद कर देगा

    शामली, जेएनएन। महाराजा सूरजमल स्कूल के प्रधानाचार्य डा. जेबी सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि एक व्यक्ति अपने जीवन में परिवार, माता, पिता, बच्चों, पत्नी, पड़ोसियों, समाज, समुदाय व सबसे अधिक महत्वपूर्ण देश के प्रति बहुत से उत्तरदायित्वों को रखता है। देश के प्रति एक व्यक्ति का उत्तरदायित्व इसकी गरिमा, उज्ज्वल भविष्य बनाए रखने और इसे भलाई की ओर अग्रसर करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उत्तरदायित्व वो कार्य या गतिविधियां हैं, जिन्हें सभी को व्यक्तिगत रूप से दैनिक आधार पर देश की भलाई और अधिक विकास के लिए करना चाहिए। अपने उत्तरदायित्वों का पालन वफादारी से करना प्रत्येक भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी है और देश के लिए आवश्यक मांग भी है। उन्होंने बच्चों को बताया कि इसलिए प्रत्येक राष्ट्र के लिए कुछ उत्तरदायित्व भी रखते हैं। एक घर का उदाहरण लेते हैं जहां विभिन्न सदस्य एक साथ रहते हैं। हालांकि प्रत्येक घर के मुखिया, सबसे बड़े सदस्य द्वारा बनाए गए सभी नियमों एवं प्रतिनियमों का अनुसरण घर की भलाई और शांतिपूर्ण जीवन के लिए करते हैं। उसी तरह हमारा देश भी हमारे घर की तरह है। इसमें विभिन्न धर्मो के लोग एक साथ रहते हैं। हालांकि उन्हें कुछ नियमों और कानूनों का अनुसरण करने की आवश्यकता होती है जो सरकार ने देश के विकास के लिए बनाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम समय बर्बाद करेंगे तो समय हमें बर्बाद कर देगा। समय किसी के लिए भी इंतजार नहीं करता यह लगातार भागता रहता है और हमें समय से सीखना चाहिए। हमें तब तक नहीं रुकना चाहिए जब तक हम अपने लक्ष्य तक न पहुंच जाए। हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य अपने देश को वास्तविक अर्थो में महान बनाना है। हमें स्वार्थी नहीं होना चाहिए और अपने देश के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को समझना चाहिए। ये केवल हम हैं न कि कोई और जो लाभान्वित हो सकते हैं और शोषित भी। हमारी प्रत्येक गतिविधि सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित करती है। यदि हम सकारात्मक कार्य करेंगे तो शोषित होंगे। इसलिए क्यों न ये प्रतिज्ञा करें कि अपने ही देश में शोषित बनने से खुद को बचाने के लिए आज से हम प्रत्येक कदम सही दिशा में सकारात्मकता से उठाएंगे। ये हम ही हैं जिन्हें हर भारतवासी का उत्तरदायित्व है कि वह देश के शासन की बागडोर उन लोगों के हाथ में सौंपे जो देश का उचित मार्गदर्शन कर सके। हर क्षेत्र में जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी संरचना, सुरक्षा आर्थिक क्षेत्र में मूलभूत सुधार कर सकने में सक्षम हो। किन कारणों से आज भी हमारा देश विकासशील देशों की श्रेणी में है न कि विकसित देशों की श्रेणी में। हमारा उत्तरदायित्व है कि हम अपने देश को दुनिया का सबसे अच्छा देश बनाएं। बच्चों को शिक्षा के साथ साथ संस्कारवान बनाएं।

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