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    विवाहिता की हत्या में पति को 10 साल की सजा, सात साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 09:05 PM (IST)

    कार की मांग पूरी न होने पर ससुराल पक्ष के लोगों ने विवाहिता की गले में फांसी डालकर हत्या कर दी थी। दोष सिद्ध पाए जाने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ( ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, शामली। कार की मांग पूरी न होने पर ससुराल पक्ष के लोगों ने विवाहिता की गले में फांसी डालकर हत्या कर दी थी। दोष सिद्ध पाए जाने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक कोर्ट) ऋतु नागर ने आरोपित आबिद निवासी गांव हसनपुर लुहारी थाना थाना भवन को 10 वर्ष कठोर कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

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    शुक्रवार को सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र धीरयान ने बताया कि नौ फरवरी 2018 को जनपद सहारनपुर के थाना फतेहपुर के गांव बेहडा खेद निवासी गुलशेर अहमद ने थाना थानाभवन पर मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी बहन संजिला की शादी 12 नवंबर 2017 को हसनपुर लुहारी निवासी आबिद के साथ हुई थी।

    उसकी बहन का पति आबिद, जेठ जाहिद, देवरा शाहिद, जेठानी फातिमा और ससुर सईद दहेज में स्विफ्ट कर की मांग करते थे। मांग पूरी नहीं होने पर नौ फरवरी 2018 को आबिद और उसके परिवार के लोगों ने संजिला के गले में फांसी का फंदा लगाकर हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण गला घुटने के कारण सांस नहीं आना आया था। पुलिस ने सभी पांचो आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिए थे।

    अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए गए। शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ऋतु नागर ने मृतका के पति आबिद को 10 साल कठोर कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। साक्ष्य नहीं मिलने पर जेट जाहिद, देवर शाहिद, जेठानी फातिमा और ससुर सईद को दोष मुक्त करार दे दिया।