पूर्व विधायक राव वारिस ने थामा रालोद का दामन
थानाभवन विधानसभा से पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस ने एक बार फिर घर वापसी करते हुए रालोद का दामन थाम लिया है। उन्होंने दिल्ली पहुंचकर रालोद अध्यक्ष जयं ...और पढ़ें

शामली, जागरण टीम। थानाभवन विधानसभा से पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस ने एक बार फिर घर वापसी करते हुए रालोद का दामन थाम लिया है। उन्होंने दिल्ली पहुंचकर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के समक्ष राष्ट्रीय लोकदल में पुन: आस्था जताते हुए रालोद की सदस्यता ग्रहण कर ली। राष्ट्रीय लोकदल के अन्य पदाधिकारियों से भी उन्होंने वार्ता की। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी से सियासत के ताजा हालात और पार्टी की रणनीति को लेकर भी विस्तार से चर्चा की।
भाजपा के बाद अब कांग्रेस को भी जिले में झटका देते हुए रालोद ने अपना कुनबा बढ़ाने का काम किया है। पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस ने भी बुधवार को रालोद का दामन थाम लिया। उन्होंने रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के समक्ष दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
गौरतलब है कि राव अब्दुल वारिस ने वर्ष 2007 में रालोद के टिकट पर ही थानाभवन विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव से पूर्व वह बसपा में शामिल हुए। 2012 व 2017 का चुनाव बसपा से लड़ा। यहां कड़े मुकाबले में शामिल रहे, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। फरवरी 2018 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जबकि 2019 में वे राजनीति से थोड़ा दूर रहे। अब 2022 में उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं।
राव अब्दुल वारिस एक बार फिर से रालोद का दामन थाम चुके है। इनसे पहले दूसरे दलों के कई नेता भी रालोद में शामिल हो चुके हैं। रालोद का बढ़ता कुनबा खासतौर से भाजपा के लिए खतरे की घंटी बनता जा रहा है। कयास लगाए जा रहे है कि रालोद व सपा के गठबंधन के मद्देनजर यहां से टिकट पाने की जुगत में विभिन्न दावेदारी सामने आ रही है। फिलहाल चर्चा है कि गठबंधन हुआ तो थानाभवन व शामली विधानसभा सीट रालोद के खाते में रहने की संभावना है। राव अब्दुल वारिस के फिर से रालोद की सदस्यता ग्रहण करने से जिले की सियासत में एकाएक गर्माहट आ गई है।

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