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    हाईवे किनारे इंडस्ट्रियल जोन बनने पर होगा विकास

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 06 Apr 2021 08:03 AM (IST)

    देश के अन्य इकोनामिक कारीडोर की तरह अगर दिल्ली-शामली-सहारनपुर हाईवे के दोनों ओर इंडस्ट्रियल जोन बनाए जाने पर विकास हो सकेगा। चूंकि बागपत शामली और सहार ...और पढ़ें

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    हाईवे किनारे इंडस्ट्रियल जोन बनने पर होगा विकास

    शामली, जेएनएन। देश के अन्य इकोनामिक कारीडोर की तरह अगर दिल्ली-शामली-सहारनपुर हाईवे के दोनों ओर इंडस्ट्रियल जोन बनाए जाने पर विकास हो सकेगा। चूंकि बागपत, शामली और सहारनपुर एनसीआर का हिस्सा हैं। दिल्ली-शामली-सहारनपुर हाईवे के दोनों ओर उत्तराखंड में सिडकुल की तर्ज पर व्यापारी और उद्योगपतियों को वाजिब दाम में जमीन, सस्ती दरों पर बिजली और अन्य प्रक्रिया के लिए छूट मिलनी चाहिए। केंद्र और यूपी की सरकारों से पत्राचार करने के बाद अब अग्रवाल मित्र मंडल के सचिव अनुज बंसल ने उत्तराखंड की सरकार को भी पत्र लिखकर जोन बनाने की मांग की है।

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    इसके लिए शहर की अग्रणी सामाजिक संस्था अग्रवाल मित्र मंडल लंबे समय से प्रयासरत है। उत्तराखंड के अपर सचिव आनंद स्वरूप को पत्र लिखकर इस संबंध में प्रक्रिया आगे बढ़ाने की मांग की है। आखिर क्यों खास है हाईवे

    दिल्ली-शामली-सहारनपुर हाईवे के किनारे दुग्ध, मत्स्य, खाद्य प्रसंस्करण के साथ ही आइटी हब बनने की पूरी संभावनाएं हैं। दिल्ली और बंगलुरु में आइटी कंपनियों का विस्तार इसी तर्ज पर हुआ है। इंडस्ट्रियल हब बनने से क्षेत्र के किसानों की निर्भरता गन्ने की फसल पर कम होगी। इसके साथ कृषि से संबंधित अन्य उद्योग-धंधे भी पनप सकेंगे। खुद के शांत माहौल चाहने वाली आइटी कंपनियों के लिए यह मुफीद जगह है। उत्तत्राखंड में इस तरह के प्रयोग बहुत सफल रहे हैं। पूर्व में केंद्र सरकार को लिखे गए पत्रों का सकारात्मक जवाब मिला था। बस इच्छाशक्ति चाहिए: अनुज

    अग्रवाल मित्र मंडल के सचिव अनुज बंसल ने बताया कि उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में ऐसे प्रयोग उम्मीद से ज्यादा सफल रहे हैं। हाईवे बनने के साथ ही इंडस्ट्रियल हब तैयार हो जाएगा। केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रकचर के लिए 102 करोड़ रुपये का मद रखा है।