UP News: एक्सिस बैंक के कॉर्पोरेट हेड व शाखा प्रबंधक पर 6.60 लाख रुपये का जुर्माना
शामली में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक्सिस बैंक के कॉर्पोरेट हेड और शाखा प्रबंधक पर 6.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बीमा क्लेम की राशि न देने के कारण लगा है। उपभोक्ता की मृत्यु के बाद पत्नी को क्लेम नहीं मिला था जिसके बाद आयोग ने यह निर्णय सुनाया। क्लेम राशि पर 6% वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
जागरण संवाददाता, शामली। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक्सिस बैंक के कार्पोरेट हेड मुंबई एवं शाखा प्रबंधक नोएडा पर बीमा क्लेम की धनराशि समेत 6.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इसमें क्लेम धनराशि पर साधारण ब्याज की दर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देय है। उपभोक्ता की मृत्यु के बाद पत्नी को एक्सिस बैंक की ओर से बीमा क्लेम नहीं देने पर आयोग ने निर्णय सुनाया है।
यह है पूरा मामला
गांव मालैंडी निवासी सुमन शर्मा ने पांच जुलाई 2022 को जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में वाद दायर कराया था। अवगत कराया कि पति अश्वनी कुमार का बैंक में खाता संचालित था, जिसमें एटीएम कार्ड टाइटेनियम की सुविधा भी मिली हुई थी, जिसका प्रयोग टर्म एंड कंडीशन के तहत किया जाता रहा।
पति अश्वनी कुमार की चार अक्टूबर 2016 को रेल में हुई अचानक लूटपाट की घटना के दौरान विरोध पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एटीएम डेबिट कार्ड पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा अश्वनी कुमार का था।
सुमन शर्मा ने बीमा क्लेम प्राप्त करने के लिए अश्वनी कुमार के मृत्यु की सूचना प्रतिवादी को दी, लेकिन एटीएम डेबिट कार्ड इंश्योरेंस क्लेम की सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आपत्ति उठाई कि एटीएम कार्ड से काेई ट्रांजेक्शन निर्धारित समय अवधि 90 दिन के बीच मृतक ने नहीं की। इसका जवाब वादी ने विपक्षी को दे दिया, जिसमें बैंक की स्टेटमेंट आठ अप्रैल 2016 की खरीदारी से स्पष्ट है।
वादी ने यह भी अवगत कराया कि उसका घर शाखा कार्यालय से 130 किमी पड़ता है, जहां से उसे कई बार आना जाना पड़ा है। इससे उसे आर्थिक, मानसिक पीड़ा सहन करनी पड़ी। इसके बाद भी उसका क्लेम सेटल नहीं किया गया।
वादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 24 नवंबर 2020 को नोटिस बैंक अधिकारियों को भेजा गया। इसके जवाब में 24 नवंबर 2020 को रेपुटेशन लेटर भेजा गया, मृत्यु का कारण दुर्घटना न मानकर क्लेम देने इंकार किया गया, जबकि वादी के पति ने उसे नामिनी बनाया था।
जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता ने सदस्य अमरजीत कौर एवं अभिनव अग्रवाल की मौजूदगी में निर्णय सुनाया। 15 मई को इसमें अंतिम बहस के बाद 29 मई को निर्णय दिया गया।
स्पष्ट किया कि मृतक अश्वनी की दुर्घटना में मृत्यु होने के कारण बीमा क्लेम की धनराशि पांच लाख रुपये बीमा दावा प्रस्तुत करने से तीन माह बाद की तिथि से अंतिम अदायगी तक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अदा करेंगे।
मानसिक आर्थिक एवं शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए एक लाख रुपये, वाद खर्च 10 हजार रुपये एवं 50 हजार रुपये अर्थ दंड लगाया गया। जिसमें अर्थदंड की धनराशि वादी को देय नहीं होगी।
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि निर्धारित अवधि 45 दिवस के भीतर यदि धनराशि जमा न कराई गई तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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