चौसाना में गायब हो गई खोखरी नदी
उदयवीर ¨सह, चौसाना: सहारनपुर-शामली के किसानों की लाइफ लाइन बनी खोखरी नदी जिले में गायब हो गयी है। 50
उदयवीर ¨सह, चौसाना: सहारनपुर-शामली के किसानों की लाइफ लाइन बनी खोखरी नदी जिले में गायब हो गयी है। 50 गांव के किसानों के लिए जीवनदायिनी बनी खोखरी नदी अब किवंदतियों व कागजों तक सीमित रह गयी है। जहां कभी यमुना से निकली खोखरी नदी के पानी बहता था वहां अब हरी-भरी फसल लहलहा रही है। जिस नदी के पानी से हजारों किसान ¨सचाई करते थे, उस पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर नदी को पूरी तरह से पाट दिया है। खोखरी नदी के गायब होने से क्षेत्र डार्क जोन में तब्दील हो गया है। हालात यह है कि यहां जलस्तर गिरकर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है।
जनपद सहारनपुर के लखनौती से यमुना नदी से अलग होकर निकली नदी की धारा को खोखरी नदी का नाम दिया गया था। खोखरी नदी लखनौती से चौसाना व कमालपुर होते हुए केरटू जाकर फिर यमुना नदी में मिल जाती है। यह नदी दशकों पुरानी है। खोखरी नदी के चौसाना क्षेत्र में बहने से यहां के करीब पचास गांवों की पानी की समस्या समाप्त हो गयी थी। दो दशक से खोखरी गायब हो गई है। भूमाफियाओं ने खोखरी नदी को मिट्टी से भरकर उसे अपने खेतों में मिला लिया है। यहां अब खेती की जा रही है। हालात यह है कि कुछ भू-माफियाओं ने खोखरी नदी पर अपने आशियाने बना लिए है। खोकरी नदी जहां बहती थी वहां अब भू-माफियाओं की फसले लहलहा रही है। हर साल लाखों की फसल यहां उगाकर भू-माफिया चांदी काट रहे हैं।
प्राकृतिक रूप से बनी खोखरी नदी को बचाने के लिये ग्रामीण लगातार आवाज उठा रहे लेकिन इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नदी के गायब होने से क्षेत्र में ¨सचाई के लिए पानी की दिक्कत पैदा हो गयी है। खोखरी नदी के पानी से लगभग 50 गांव के किसान ¨सचाई करते थे। इन क्षेत्रों का जलस्तर भी अच्छा रहता था। नदी के गायब होने से हालात विस्फोटक हो गए है। क्षेत्र का जलस्तर तेजी से नीने पहुंच गया है। लोगों को सामान्य रूप से पीने का पानी ठीक ढंग से मयस्सर नहीं हो रहा है। हालात यह है कि क्षेत्र में पेयजल बड़ी समस्या बन गया है। पूरा ब्लाक डार्क जोन में तब्दील हो गया है। पूर्व में बसपा-भाजपा शासनकाल में तत्कालीन ¨सचाई मंत्री ओमप्रकाश ¨सह ने खोखरी नदी के गायब होने पर ¨चता जतायी थी। उन्होंने नदी के जीर्णोद्वार के आदेश दिए थे। ¨सचाई विभाग ने इस प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू कराया था। नदी की खुदायी के लिए बजट का सर्वे भी हुआ था, लेकिन सरकार गिर जाने के बाद यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। उधर, खोखरी नदी के बाद क्षेत्र में उपजे जल संकट के बाद ग्रामीणों ने सरकार से एक बार फिर नदी को पुर्णजीवित करने की मांग की है। जमीन को भू-माफियाओं का कब्जा हटाकर यहां नदी की खुदाई करने की प्रस्ताव भेजा गया है। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद किसानों को अपनी मांग पूरी होने की उम्मीद है।
----
मुख्यमंत्री को भेजा गया पत्र
चौसाना के समाजसेवी राजेश मित्तल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर खोखरी नदी को पुर्नजीवित करने व भू माफियाओं के कब्जे से मुक्त करने की गुहार की है। पत्र में उन्होंने कहा है कि यदि नदी को पुर्नजीवित नहीं किया गया तो चौसाना क्षेत्र रेगिस्तान बन जाएगा।
-------
21 साल से खोखरी नदी से कब्जा हटाने को आंदोलन कर रहे है मास्टर विजय ¨सह
खोखरी नदी पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं, एक पूर्व विधायक व उनके परिजनों के खिलाफ मास्टर विजय ¨सह 21 सालों से कलेक्ट्रेट मुजफ्फरनगर में धरना दे रहे हैं। उनका धरना भी खोखरी नदी के अस्तित्व को नहीं बचा सका है। मास्टर विजय ¨सह ने अवैध कब्जों के साथ खोखरी नदी को भी कब्जामुक्त कराने की मांग सरकार से की है। बावजूद इसके खोखरी नदी कब्जा मुक्त नहीं हो पायी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।