विजिलेंस टीम की कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली, रिश्वतखोरी पर पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
शाहजहांपुर में विजिलेंस टीम की कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है। यह कार्रवाई रिश्वतखोरी के आरोपों के चलते की गई है, और इस तरह की घटना ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, मिर्जापुर। शिक्षकों के निलंबन, वेतन रोकने व उनकी बहाली में रुपये मांगने के आरोप नए नहीं हैं, लेकिन नौकरी की मजबूरी में कई बार शिक्षक अपनी बात नहीं कह पाते। इस बार डब्लू कुमार ने साहस जुटाया तो शिकंजा कस गया। विजिलेंस टीम की कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई।
बीआरसी के पास खंड शिक्षाधिकारी व एआरपी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया, लेकिन जिला बेसिक शिक्षाधिकारी रात तक इस प्रकरण से अनभिज्ञता जताती रहीं। पकड़े गए खंड शिक्षाधिकारी सतीश कुमार मिश्रा पर पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं।
कलान के आक्सफोर्ड कांवेंट व आदर्श बाल विद्या मंदिर स्कूल में हुए आरटीई घोटाले में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठे थे, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि खुद पर शिकंजा कसते देख उन्होंने प्रधानाचार्य पर फर्जीवाड़े की प्राथमिकी दर्ज करा दी थी।
पहले भी हो चुकीं कार्रवाई
19 नवंबर को मत्स्य निरीक्षक संजीव कुमार को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। दस अक्टूबर को राजस्व निरीक्षक अरविंद शर्मा को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। गत वर्ष फरवरी में वरासत दर्ज करने के नाम पर तहसील सदर के लेखपाल अरविंद अग्निहोत्री को दो हजार रुपये की रिश्वत लते हुए पकड़ा गया था।
वह तोनी गांव निवासी शेरू की वासत दर्ज करने के लिए रुपये मांग रहा था। सितंबर 2023 में जलालाबाद के लेखपाल धनवीर को भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने विषम पाठक की शिकायत पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। जून 2022 में तहसील सदर के लेखपाल उत्कर्ष वर्मा को पांच हजार की रिश्वत लेने के आरोप में तहसील परिसर से गिरफ्तार किया था।

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