दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर ट्रकों से कुचलकर सात गोवंशों की मौत, ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा
शाहजहांपुर में दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर सात बेसहारा गोवंशीय पशुओं को ट्रकों ने कुचल दिया जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई। हिंदू युवा वाहिनी के प्रदर्शन के बाद शवों को दफनाया गया। एक महीने में 35 से अधिक पशु हादसों में मारे जा चुके हैं और 19 दिनों में 11 बाइक सवारों की भी जान जा चुकी है। पशुपालन विभाग पर रोकथाम में लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर घूम रहे सात बेसहारा गोवंशीय पशुओं को मंगलवार रात ट्रकों ने कुचल दिया। उनके क्षतविक्षत शव हाईवे पर बिखरे पड़े रहे। इन्हें हिंदू युवा वाहिनी के प्रदर्शन के बाद दफन कराया गया।
एक माह में 35 बेसहारा गोवंशीय पशु हादसों में मारे जा चुके हैं। हाईवे पर घूमते बेसहारा पशुओं से टकराकर 19 दिन में बाइक सवार 11 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद पशुपालन विभाग रोकथाम के प्रयास नहीं कर सका। हाईवे किनारे बेसहारा गोवंशीय पशुओं का झुंड बैठा था।
आसपास के ढाबा संचालकों ने बताया कि मंगलवार रात 12 बजे दिल्ली की ओर जा रहे ट्रकों के सामने बेसहारा पशु आ गए। इस पर चालक उन्हें कुचलते हुए आगे निकल गए। टक्कर लगने की तेज आवाज होने पर उस ओर ध्यान गया मगर, तब तक ट्रक आगे निकल चुके थे।
संभव है कि चालकों को ब्रेक लगाने का मौका ही नहीं मिला हो अथवा, वाहनों के सामने आने पर चालकों ने जानबूझकर कुचल दिया हो। हाईवे पर दो सांड़ व पांच गायों के क्षत-विक्षत शव पड़े होने की जानकारी पर रात एक बजे हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता पहुंचे।
उनका आरोप था कि पशुपालन विभाग बेसहारा पशुओं पर रोकथाम नहीं लगा पा रहा। विभाग की जिम्मेदारी है कि बेसहारा पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भेजा जाए। 15 दिन पहले हाईवे से पशु भगाने में सफाईकर्मियों की ड्यूटी लगाई मगर, दो-तीन दिन बाद इसका पालन नहीं हुआ।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी राजेंद्र सिंह यह कहते हुए पल्ला झाड़ रहे कि बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान चल रहा है। हाईवे पर विशेष निगरानी के प्रयास किए जाएंगे। चार गोशालाएं बनकर तैयार हो गईं हैं, आवारा पशुओं को वहां भेजा जाएगा।
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