गन्ना के खेत से निकली मिर्च की 'मिठास'
खेत तो गन्ने का है मगर नये प्रयोग के बूते मिर्च से भी मुनाफे की मिठास ले ली। प्रगतिशील कृषक कौशल मिश्रा ने गन्ने की फसल के साथ शिमला मिर्च सूरजमुखी व आलू की उपज भी ली। तकरीबन एक फसल की लागत में उन्होंने तीन उपज लीं।
नरेंद्र यादव, शाहजहांपुर : खेत तो गन्ने का है, मगर नये प्रयोग के बूते मिर्च से भी मुनाफे की मिठास ले ली। प्रगतिशील कृषक कौशल मिश्रा ने गन्ने की फसल के साथ शिमला मिर्च, सूरजमुखी व आलू की उपज भी ली। तकरीबन एक फसल की लागत में उन्होंने तीन उपज लीं। गन्ना विकास विभाग ने कृषि कौशल को देखते हुए उनके फार्म को विभाग का मॉडल फार्म घोषित कर दिया है। चीनी मिल व विभागीय कार्मिकों के लिए वहां भ्रमण करना अनिवार्य कर दिया है।
तहसील सदर गांव गंगा नगर कुर्रिया ढोढो निवासी कौशल मिश्रा गन्ना के साथ आलू, टमाटर, चना, सरसों, मटर, चना समेत दर्जन भर से अधिक फसलों की अंत: फसली खेती करते हैं। शुरूआत में उन्होंने पौध के साथ एक, फिर दो फसलें ली। अब गन्ने की पौध में दो तथा पेड़ी में एक समेत कुल तीन अंत:फसली खेती करके प्रति एकड़ करीब पांच लाख की कमाई कर रहे हैं।
मिर्च, बाद सूरजमुखी, फिर बोया आलू
कौशल मिश्रा बताते हैं कि गन्ना फसल के साथ क्रमागत तीन फसलों के लिए दो साल पूर्व अध्ययन व प्रयोग किए। एक एकड़ में पहले साल 35 क्विटल मिर्च, सात क्विटल सूरजमुखी तथा 600 कट्टा आलू की पैदावार हुई। 700 क्विटल गन्ना उपज मिली। इससे करीब पांच लाख की आय हुई, जबकि सामान्य खेती में मात्र 400 क्विटल गन्ना मिल पाता था।
कौशल मिश्रा का आमदनी का गणित
एक एकड़ में गन्ना की ट्रेंच में 1620 शिमला मिर्च, 2340 अचार मिर्च के पौधे लगाए। सात अप्रैल तक 74 हजार की मिर्च की बिक्री कर ली। जबकि बीज में लागत मात्र 11 हजार आयी, बाकी पानी-खाद वही काम आई जो गन्ने में लगी। 10 क्विटल मिर्च अभी और निकलेगी। गत वर्ष मिर्च के बाद 80 हजार की सूरजमुखी व डेढ़ लाख का आलू बिक्री किया।
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यदि कृषक खुद मेहनत करें तो सहफसली गन्ना खेती का कोई मुकाबला नहीं है। एक एकड़ खेत पांच से छह लाख तक की आय आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
कौशल मिश्रा, प्रगतिशील कृषक
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प्रगतिशील कृषक कौशल मिश्रा के सहफसली गन्ना मॉडल को विभाग ने अपनाया है। प्रदेश भर के चीनी मिल व विभागीय अधिकारी भ्रमण कर चुके हैं। नेपाल, छत्तीसगढ़ समेत देश भर के कृषक सीखने के लिए आते हैं। किसानों की दूनी आय में कौशल का मॉडल सहायक साबित हो रहा है।
डा. खुशीराम, जिला गन्ना अधिकारी
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