Shahjahanpur News: यूपी के इस किसान ने कमरे भर की जगह में तैयार कर दी गन्ने की एक लाख पौध
Shahjahanpur News यूपी के शाहजहांपुर के पाली हाउस में सब्जी फल तैयार करते देखा व सुना होगा लेकिन अब इसमें गन्ने की पौध भी तैयार होगी। वह भी एक-दो नहीं बल्कि साल में दस बार। यह पौध न सिर्फ रोग रहित होगी।

शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। Shahjahanpur News : यूपी के शाहजहांपुर के पाली हाउस (Pali House) में सब्जी, फल तैयार करते देखा व सुना होगा, लेकिन अब इसमें गन्ने की पौध भी तैयार होगी। वह भी एक-दो नहीं बल्कि साल में दस बार। यह पौध न सिर्फ रोग रहित होगी। बल्कि इसका उत्पादन व गुणवत्ता भी सामान्य से बेहतर होगा। जिले के प्रगतिशील किसान कौशल मिश्र (Kaushal Mishra) ने यह प्रयोग किया है।
उन्होंने अपने गांव गंगानगर स्थित फार्म में 84 स्कवायर मीटर जगह में पाली हाउस बनाकर उसमें गन्ने की एक लाख पौध तैयार की हैं। जबकि सामान्य तरीके से इतनी जगह में सिर्फ दस हजार पौध ही तैयार हो सकती थी। इस प्रयोग से न सिर्फ समय, स्थान की बचत हो रही है।
बल्कि लागत भी कम हो रही है। किसानों को फसल कटने के समय ही पौध तैयार मिलेगी। इससे न सिर्फ उनका गन्ना समय से पहले तैयार होगा। बल्कि जमाव अच्छा होने के कारण उसका उत्पादन व चीनी परता भी अच्छा होगा। इस तरह तैयार हो रही पौध पाली हाउस में कौशल ने रैक तैयार कराईं हैं। जिनमें ट्रे रखकर पौध तैयार की जाती है।
प्रत्येक ट्रे में औसतन 50 पौध तैयार की हैं। इसमें खाद का प्रयोग नहीं हुआ है। नाममात्र मिट्टी को नारियल के जूट व बगास में मिलाकर उसमें गन्ने की आंख लगाई गई है। इससे तैयार पौध में लंबे समय तक नमी और बेहतर जमाव मिलता है। पाली हाउस में 13235 व कोलख 14201 की पौध तैयार की है।
अधिकतम 25 दिन में तैयार होती हैं पौध
गन्ने की पौध 20 से 25 दिन में तैयार होती है। इसके बाद इसे सीधे खेत में लगाया जा सकता है। एयर व वाटर प्रूफ होने के कारण इसमें कोई बीमारी नहीं होती है। तापमान नियंत्रित रहता है। सर्दी अधिक पड़ने पर हीटर का प्रयोग किया जा सकता है।
पाली हाउस में नहीं आता है ज्यादा खर्च
पाली हाउस तैयार करने में तीन लाख रुपये का खर्च आया है। गन्ने (Sugarcane) की एक पौध दो रुपये 60 पैसे में बिकती है। एक बार में इसमें एक लाख पौध तैयार की जाती है। इस तरह से दो लाख 60 हजार रुपये की आय एक बार में होगी। इस विधि से साल में दस बार तक पौध को तैयार किया जा सकता है। एक बार तैयार पाली हाउस दस वर्ष तक कारगर है। देखरेख के लिए सिर्फ एक मजदूर की ही जरूरत होती है। सप्ताह में सिर्फ एक बार स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव होता है।
किसान सुविधा के अनुसार लगा सकेंगे गन्ना
किसान गन्ने की बुवाई सामान्यत: अक्टूबर से नवंबर तक होती है। साल भर बाद इसकी कटाई होती है। कौशल ने बताया कि जमाव बेहतर न होने के कारण दिसंबर व जनवरी में गन्ने की पौध तैयार नहीं की जा सकती। उनके इस प्रयोग से फरवरी से नवंबर तक गन्ने की पौध तैयार की जा सकेगी। जिसे किसान सुविधानुसार खेत खाली होने पर कभी भी लगा सकेंगे।
गन्ने की खेती में कर चुके कई प्रयोग
गन्ने में कर चुके कई प्रयोग कौशल गन्ने की खेती में कई प्रयोग कर चुके हैं। सहफसली का माडल देखने देश के विभिन्न राज्यों से किसान व चीनी मिलों के अधिकारी आ चुके हैं। उन्हें विभिन्न स्थानों पर सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्होंने नेपाल, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों में किसानों को प्रशिक्षित भी किया है। उनका तैयार बीज प्रदेश के कई जिलों में चीनी मिलें व किसान ले जाते हैं।
अगस्त माह में तैयार की थी फसलें
इस बार अगस्त माह में गन्ने की बुवाई की थी। इसका जमाव भी काफी अच्छा हुआ है। इस विधि से तैयार गन्ने की फसल साल में दो बार काटी जा सकेगी। उनके खेत पर तैयार गन्ने की ऊंचाई 16 फीट है। वह एक हेक्टेयर में 22 क्विंटल गन्ने का उत्पादन करने के साथ ही इसी फसल में सवा तीन लाख रुपये का आलू का उत्पादन भी कर चुके हैं। जबकि एक हेक्टेयर में औसतन 800 से 900 क्विंटल गन्ना होता है।
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