UP: नरौरा बांध से छोड़ा गया 2.11 लाख क्यूसेक पानी, गंगा की बाढ़ से जलालाबाद-शमशाबाद मार्ग डूबा, कई गांव घिरे
दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश के कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नरौरा बांध से गंगा में पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। दो दिन पूर्व छोड़ा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश के कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नरौरा बांध से गंगा में पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। दो दिन पूर्व छोड़ा गया पौने दो लाख क्यूसेक पानी यहां पहुंचने के साथ ही जलालाबाद शमशाबाद मार्ग पर जलभराव हो गया।
रविवार सुबह 2.11 लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है, जिससे आने वाले 72 घंटों में स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है। वहीं रामगंगा में नदी का जलस्तर घटने के साथ ही कटान तेज हो गया है। एसडीएम कलान महेश कैथल ने राजस्व टीम के साथ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। पहाड़ों पर लगातार हो रही वर्षा से बांधों पर जलस्तर बढ़ा है। जिसका प्रभाव यहां भी दिखने लगा है।
खतरे के निशान को पार कर जाएगी गंगा
कलान तहसील क्षेत्र से होकर निकलीं गंगा में नरौरा बांध से दस दिनों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। दो दिनों से डिस्चार्ज दो लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंच चुका है। भैंसार बांध का जलस्तर 143.320 मीटर पर पहुंच गया है। जबकि खतरे का निशान 143.650 मीटर है। यदि 33 सेमी जल स्तर और बढ़ा तो गंगा खतरे के निशान को पार कर जाएगी।
जलस्तर वृद्धि से जलालाबाद से शमशाबाद को जाने वाले मार्ग पर चौराहार गांव के पास सड़क पर एक से डेढ़ फीट तक पानी चल रहा है। इससे वाहनों को धीमी गति से निकाला जा रहा है।
आजादनगर, चितार, कमथरी, पंखिया नगला, पंखाखेड़ा, मजिस्दनगला, वासखेड़ा, चौरा हार, सरीफपुर गांव सैलाब से घिर गए हैं। बाढ़ से मूंगफली, उड़द, बाजरा, ज्वार, मक्का, तिल्ली आदि की फसलें भी जलमग्न हो गई हैं। रामगंगा ने हरुआ, कील्हापुर आदि गांवों में कटान शुरू कर दिया है।

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