Move to Jagran APP

Shahjahanpur News: नकली खाद का Network जानकर रह जाएंगे हैरान, एमपी,उतराखंड,राजस्थान बिहार तक फैली है जड़ें

Shahjahanpur Fake Fertilizer News यूपी के बरेली मंडल के शाहजहांपुर से निकला नकली खाद का नेटवर्क आपको हैरानी में डाल सकता है। इस नेटवर्क की जड़े सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि चार अन्य राज्यों में भी फैली है।

By Jagran NewsEdited By: Ravi MishraPublished: Tue, 04 Oct 2022 03:50 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 03:50 PM (IST)
Shahjahanpur News: नकली खाद का Network जानकर रह जाएंगे हैरान, एमपी,उतराखंड,राजस्थान बिहार तक फैली है जड़ें
Shahjahanpur News: नकली खाद का Network जानकर रह जाएंगे हैरान, एमपी,उतराखंड,राजस्थान बिहार तक फैली है जड़ें

शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। Shahjahanpur Fake Fertilizer News:  यूपी के बरेली मंडल के शाहजहांपुर से निकला नकली खाद का नेटवर्क आपको हैरानी में डाल सकता है। इस नेटवर्क की जड़े सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि चार अन्य राज्यों में भी फैली है। मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान व बिहार तक फैले इस नेटवर्क का शिकार कई किसान हो रहे थे।

loksabha election banner

नकली खाद से किसानों की मेहनत की कमाई लूटने के साथ ही देश की पैदावार प्रभावित करने वाले माफिया का नेटवर्क कमजोर नहीं हैं।यह बात का राजफाश नकली खाद बनाने में रंगे हाथ गिरफ्तार कृषि विभाग के पूर्व कार्मिक के बेटे ने किया।मामले में अब शासन स्तर से भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

जिला मुख्यालय से करीब चार किमी दूर करौंदा हार स्थित गोदाम को शहर के मुहल्ला चौभुर्जी निवासी विजय गौड़ ने किराए पर लिया था। इस गोदाम में वह जिप्सम से वह विविध ब्रांड की नकली खाद बनाकर करीब पांच प्रांतों में आपूर्ति करता था।

जिला कृषि अधिकारी डा. सतीश चंद्र पाठक से जानकारी मिलने पर रोजा थाना पुलिस तथा एसओजी ने जाल बिछाकर नकली के खाद के माफिया को पकड़कर जेल भेजकर बड़ी मात्रा में खाद बरामद की है।इस खाद में कच्चा माल के रूप में मुख्य रूप से जिप्सम का प्रयोग किया गया है।

आलोक और पारस की निशानदेही पर पकड़ा गया जखीरा

कृषि विभाग तथा पुलिस की टीम ने पांच दिन पूर्व जलालाबाद थाने में छापा मारकर इफको ब्रांड के बोरो में नकली डीएपी, एनपीके समेत विविध ब्रांड की नकली खाद पकड़ी थी। मामले में लहरावर गांव के प्रदीप कुमार, अल्हागंज के आलोक कुमार सिंह तथा बनतारा निवासी पारस को नामजद किया गया।

आलोक की निशान देही करौंदा हार स्थित नकली खाद फैक्ट्री को पकड़ा गया। जबकि पारस की निशानदेही पर कुरसंडा गांव में सुनील गुप्ता के आवास में चल रही खाद फैक्ट्री से लाखों का माल जब्त किया गया।

बिचौलियों की मदद से करते थे कारोबार

पड़ताल में पता चला कि नकली के माफिया यहां विविध कृषि कंपनियों में कार्यरत कारिदाें की मदद से दूसरें प्रांतों में नेटवर्क तैयार करते थे। बाद में बिचौलियों के माध्यम से माल की आपूर्ति करते थे। गोरखधंधा को गोपनीय रखने के लिए दूसरे जनपदों व प्रांतों में माल की आपूर्ति करते थे।

पूर्व कृषि रक्षा पर्यवेक्षक का बेटा है विजय गौड़

नकली खाद में पकड़ा गया विजय गौड़ दशक पूर्व कृषि रक्षा विभाग में कार्यरत रहे स्व. महेश चंद्र शर्मा का बेटा है। विजय खाद, बीज तथा पेस्टीसाइड के कारोबार से जुड़ा रहा, लेकिन कभी लाइसेंस नहीं किया। व्यापार मंडल समेत राजनीतिक संगठनों में भी विजय गौड़ सक्रिय रहा।

विजय गौड़ का नकली से नाता

2019 में चकभिठारा नकली खाद बनाने में विजय गौड़ को पकड़ा गया। अपराध संख्या 391/2019 के तहत थाना रोजा में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद माफिया ने जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर हरदोई जिले के शहाबाद में नकली खाद का गोरखधंधा शुरू कर दिया।

शहाबाद के थाने में भी मुकदमा दर्ज कराया गया। इस बार उसने जिला मुख्यालय से चार किमी की दूरी पर किराए की गोदाम लेकर विविध ब्रांड की नकली खाद व कृषि रसायन को बनाने का काम शुरू कर दिया।

नकली खाद के मुख्य पदार्थ जिप्सम के बारे में

जिप्सम मुख्य रूप से राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर, नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर जिले में पाया जाने वाला एक तहदार खनिज है। जिसे सैलैनाइट भी कहा जाता है। रसायनिक संरचना की दृष्टि से यह कैल्सियम सल्फेट है। इसे हरसौंठ भी कहा जाता है। राजस्थान से देश में कुल उत्पादन की करीब 90 प्रतिशत आपूति होती है।

जिप्सम की विशेषता

क्षारीय (ऊसर) भूमि सुधार के लिए जिप्सम का प्रयोग होता है। दलहनी, तिलहनी फसलों में इसे पोषक तत्व के रूप में प्रयोग किया जाता है। जिसे माफिया नकली खाद बनाने में प्रयोग करते हैं।

जिप्सम की कीमत

थोक में जिप्सम 200 से लेकर 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिल जाता है। अनुदान पर जिप्सन 120 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर मिल जाता है। जिसे डीएपी, एनपीके तथा पोटाश बनाकर पांच से छह गुना कीमत पर बेच दिया जाता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.