यूपी में सांड़ के हमले से एक और मौत, बाइक सवार की युवक ने तोड़ा दम; दो घायल
शाहजहांपुर के जलालाबाद में तेहरवीं से लौट रहे एक बुजुर्ग की सांड से टक्कर में मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए। यह घटना कलेक्टरगंज के पास हुई। जिले में चौबीस घंटे के भीतर बेसहारा पशु से यह दूसरी मौत है। प्रशासन की लापरवाही के चलते लोगों में आक्रोश है। डीएम ने बेसहारा पशुओं को लेकर सख्ती के निर्देश दिए थे लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर/जलालाबाद। बेसहारा पशु ने चौबीस घंटे के अंदर जिले में दूसरी जान ले ली। बुधवार देर रात जलालाबाद के कलेक्टरगंज के पास तेहरवीं से लौट रहे बाइक सवार बुजुर्ग की सांड़ की टक्कर से मृत्यु हाे गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जलालाबाद के ककरा गांव निवासी पूर्व प्रधान रामलड़ैते की मां का निधन हो गया था। बुधवार को उनके घर तेहरवीं की दावत थी। क्षेत्र के कूरेबंडा गांव निवासी बुजुर्ग लालाराम गांव के ही उदम पाल व ब्रजकिशोर के साथ बाइक से दावत में गए थे। देर रात वापस घर जाते समय जलालाबाद शाहजहांपुर मार्ग स्थित कलेक्टर गंज के पास सांड़ डिवाइडर कूदकर सड़क पर आ गया। सामने से आ रही बाइक से टकरा गया जिससे बाइक काफी दूर तक घिसटती चली गई। टक्कर लगने से लालाराम समेत तीनों लोग घायल हो गए। घायलों को मेडिकल कालेज भेजा गया जहां लालाराम को मृत घोषित कर दिया गया। उनके चार बेटे रामसागर, राजवीर, सुरजीत व आनेश. हैं।
चौबीस घंटे के अंदर जिले में बेसहारा पशु से यह दूसरी मृत्यु है। मदनापुर क्षेत्र के ककरौआ गांव निवासी मदनपाल की पत्नी मीरा देवी को मंगलवार को सांड़ ने पटक दिया था। उनकी भी इलाज के दौरान मेडिकल कालेज में मृत्यु हो गई थी। एक माह में ही 16 से अधिक लोगों की जान बेसहारा पशुओं की वजह से जा चुकी है। 30 से अधिक बेसहारा पशुओं की भी किसी न किसी वाहन से हो चुकी है। कई बार हंगामा भी इसको लेकर हो चुका हैं लेकिन उसके बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
डीएम की सख्ती का नहीं दिखा असर
शाहजहांपुर: बेसहारा पशुओं की वजह से बढ़ते हादसों पर अंकुश लगाने के लिए डीएम ने 15 सितंबर को सभी बीडीओ को निर्देश दिए थे कि एक अक्टूबर से यदि सड़कों पर बेसहारा पशु दिखे तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई होगी। डीएम की सख्ती के बाद भी जिले में गुरुवार को भी असर दिखाई नहीं दिया। शहर से लेकर हाईवे पर बड़ी संख्या में पशु घूमते दिखे लेकिन उन्हें पकड़ने की फुर्सत किसी को नहीं मिल पा रही।
- 136 गोशाला जिले में है।
- 17200 पशु गोशाला में संरक्षित है।
- 8500 से अधिक पशु सहभागिता के तहत दिए गए।
- 10 वृहद गोशाला निर्माणाधीन है।
बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए लगातार अभियान चल रहा है। हर ब्लॉक में मनरेगा से भी पांच-पांच गोशालाएं बनाई जाएंगी। जिससे जल्द इस समस्या का निस्तारण होगा जाएगा।- राजेंद्र प्रसाद, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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