Shahjahanpur : सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपियों को 24 साल बाद उम्रकैद, ननद-भाभी का अपहरण कर हुई थी घटना
महिला ने बताया कि शोर मचाने बदमाशों ने उनके उनके बेटे व पड़ोसी हाथ पैर बांध दिए। हवाई फायरिंग भी की। इस बीच पुलिस पहुंच गई। उन लोगों को बंधनमुक्त कराया तो बेटी व बहू के बारे में बताया। तलाश किया तो दोनों खेत में मिलीं।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : ननद-भाभी का अपहरण कर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम अखिलेश कुमार पाठक ने यह फैसला सुनाया। घटना के 24 वर्ष बाद सुनाए गए इस फैसले में तीनों पर अर्थदंड भी लगाया गया है।
हथियार लेकर घुसे थे घर में
जलालाबाद क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने बताया 21 मार्च 1999 की रात लगभग साढ़े 12 बजे आठ-दस बदमाश हाथों में बंदूक व तमंचे लेकर घर में घुस आए और तोड़फोड़ करने लगे। उनके गले में पड़ा मंगलसूत्र खींच लिया। घर में कुछ और न मिला तो चार बदमाश उनकी बेटी व बहू को गेहूं के खेत में ले गए।
खेत में ले जाकर किया था दुष्कर्म
महिला ने बताया कि शोर मचाने बदमाशों ने उनके, उनके बेटे व पड़ोसी हाथ पैर बांध दिए। हवाई फायरिंग भी की। इस बीच पुलिस पहुंच गई। उन लोगों को बंधनमुक्त कराया तो बेटी व बहू के बारे में बताया। तलाश किया तो दोनों खेत में मिलीं। बताया कि चारों बदमाशों ने उन दोनों के साथ दुष्कर्म किया। वे लोग आपस में एक दूसरे का नाम भी ले रहे थे। अन्य बदमाश घेरेबंदी करके खड़े हुए थे। इसके बाद पुलिस ने बदमाशों का पीछा किया ताे उन पर भी फायरिंग की।
दो बदमाश महेंद्र व नीलू को गिरफ्तार कर लिया गया। महिला की तहरीर पर पुलिस ने महेंद्र, नीलू, कल्लू, सत्तू, धनपाल, देवनारायण, बाबा के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी लिख ली। सभी पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस पूरी होने पर शासकीय अधिवक्ता अतुल अग्निहोत्री के तर्कों से संतुष्ट होकर विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार पाठक ने बाबा, नीलू व महेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। धनपाल, कल्लू व सत्तू उर्फ संतराम को दोष मुक्त किया। जबकि देवनारायण की मृत्यु हो चुकी है।