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    Flood IN UP: शाहजहांपुर में मेडिकल कॉलेज में अंदर पहुंचा बाढ़ का पानी, 100 से अधिक मरीज डिस्चार्ज

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 04:25 PM (IST)

    शाहजहांपुर में गर्रा और खन्नौत नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण मेडिकल कॉलेज में पानी घुस गया। लगभग 100 से अधिक मरीज़ों को छुट्टी दे दी गई और उन्हें दूसरी मंजिलों पर स्थानांतरित कर दिया गया। सामान्य बीमारियों वाले मरीज़ों को दवा देकर घर भेज दिया गया। बाढ़ से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें दवा वितरण में जुटी हैं और प्रशासन अलर्ट पर है।

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    मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वॉर्ड में बाढ़ के पानी के बचाव के लिए रखे गए बेड के ऊपर बेड।- जागरण

    जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। गर्रा व खन्नौत नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गईं हैं। बाढ़ का पानी मेडिकल कॉलेज में भी पहुंच गया। जिस वजह से 100 से अधिक मरीजों की छुट्टी कर दी गई। नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सक्रियता बढ़ा दी गई है। ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को वहां भर्ती किया जा सके। शहर की गर्रा व खन्नौत नदी शुक्रवार सुबह खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया।

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    मोक्षधाम स्थित नाले से पानी मेडिकल कालेज में भी पानी पहुंचना भी शुरू हो गया। ऐसे में इमरजेंसी वार्ड से मरीजों को दूसरी व तीसरी मंजिल के वार्डों में शिफ्ट किया गया। करीब 100 मरीज जो बुखार व अन्य सामान्य बीमारियों वाले भर्ती थे उनकी छुट्टी कर दी गई। भूतल पर स्थित एक्सरे कक्षा के दोनों गेट पर छोटी-छोटी अस्थायी दीवार बनाई गई है ताकि परिसर के अंदर पानी पहुंचने के बाद भी एक्सरे आदि कक्ष में पानी न पहुंचे। गत वर्ष कई जांच मशीनों में पानी पहुंच गया था जिस वजह से काफी दिनों तक सीटी स्कैन समेत कई जांचें कराने के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ रहा था। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सीएमओ ने पांच टीमें गठित की हैं जो शहर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर दवाएं वितिरित करेंगी। इसी तरह जलालाबाद व मिर्जापुर क्षेत्र में भी टीमें लगाई गईं हैं।

    सुबह तक चलीं तैयारियां

    मेडिकल कालेज प्रशासन ने गुरुवार रात करीब आठ बजे से मशीनों को दूसरी मंजिल पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया था। इसके बाद मरीजों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया। प्राचार्य समेत तमाम विभागाध्यक्ष सुबह करीब पांच बजे तक खुद मेडिकल कालेज में रहकर व्यवस्थाएं दुरस्त कराते रहे।

    रिकॉर्ड मरीज भर्ती थे

    डायरिया व बुखार के बढ़ते प्रकोप की वजह से 430 बेड के मेडिकल कालेज में रिकार्ड 482 मरीज भर्ती थे, लेकिन बाढ़ की वजह से बहुत से मरीज खुद छुट्टी करवा ले गए जबकि करीब 100 मरीजों को चिकित्सकों ने तबीयत में सुधार होने पर देर रात घर भेज दिया।

    नाले से बाढ़ का पानी परिसर में आ गया है। इमरजेंसी समेत कई अन्य वार्डों में भर्ती गंभीर मरीजों को दूसरी व तीसरी मंजिल पर शिफ्ट किया गया है। सामान्य मरीजों को दवाएं देकर घर भेज दिया गया। बाढ़ से बचाव के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।- डॉ. राजेश कुमार, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज

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