शाहजहांपुर में चंगाई सभा की आड़ में चल रहा था मतांतरण का खेल, दंपती सहित चार गिरफ्तार
शाहजहांपुर में अवैध मतांतरण का मामला सामने आया है। पुलिस ने विवेक, ऐंजल, विपिन और मोनू को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि ये लोग हिंदू पुरुषों को श ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। जुलाई में अवैध मतांतरण में पकड़े जाने के बावजूद जेल जाने से बचे दंपती विवेक व ऐंजल ने जगह बदलकर जाल बिछाना शुरू कर दिया।
इस बार कैलाशनगर कालोनी में हिंदू पुरुषों को शादी कराने एवं महिलाओं को रुपयों का प्रलोभन देकर ईसाई बनाया जा रहा था। पुलिस हर बार की तरह आंखें फेरे रही तो रविवार को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंचकर प्रदर्शन किया।
इसके बाद पुलिस ने विवेक, ऐंजल, विपिन और मोनू को गिरफ्तार किया। इन चारों के विरुद्ध उप्र धर्मपरिवर्तन संप्रेषण अधिनियम की धारा 3/5, उकसाने, भ्रामक प्रचार एवं शांतिभंग की धाराएं लगाई गईं। पिछली बार भी इन्हीं धाराओं में कार्रवाई हुई थी परंतु, सात वर्ष से कम सजा होने के कारण जेल नहीं भेजा गया था।
ईसाई मिशनरी के लिए काम करने वाली ऐंजल के संपर्क में आकर कुछ वर्ष पूर्व विवेक ने भी ईसाई धर्म अपनाकर उससे शादी कर ली थी। इसके बाद वे दोनों चंगाई सभा की आड़ में हिंदुओं का मतांतरण करने लगे।
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सभा में यह कहकर बुलाया जाता कि बीमारियां ठीक हो जाएंगी। विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री अश्नील सिहं ने बताया कि कैलाशनगर कालोनी में रविवार को रामादेवी के मकान में विवेक ऐंजल, विपिन व मोनू ने 150 हिंदुओं को बुलाया था।
उनसे कहा जा रहा था कि अविवाहित युवकों की शादी कराई जाएगी, रुपये दिए जाएंगे। ईसाई धर्म साहित्य बांटा गया, देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक बातें कही गईं। सभा में मौजूद एक युवक ने इसकी फोन पर इसकी जानकारी दी तो कार्यकर्ताओं के साथ वहां पहुंचे।
धार्मिक भावनाएं आहत करने एवं प्रलोभन देकर मतांतरण का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया तो ऐंजल, विवेक, विपिन, मोनू और रामादेवी ने अभद्रता की। प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं की शिकायत पर चारों आरोपितों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। जांच के उपरांत अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
शातिर दंपती के सामने कानून बेअसर
पिछली बार रामचंद्र मिशन थाने में ऐंजल व विवेक पर प्राथमिकी हुई थी। उस समय पुलिस का कहना था कि सात वर्ष से कम सजा की धाराएं होने के कारण दंपती को जेल नहीं भेजा। शांतिभंग में चालान किया था, जिसमें उसी दिन जमानत मिल गई थी।
बाद में विवेचना में आरोप सिद्ध होने पर चार्जशीट दाखिल कर दी गई। प्रकरण कोर्ट में चला गया मगर, पुलिस के धाराओं के खेल में दोनों जेल जाने से बचे रहे। इस बार रोजा थाना क्षेत्र में प्राथमिकी हुई, उसमें भी सात वर्ष से कम सजा की धाराएं लगी हैं।
कानून के जानकारों के अनुसार, उप्र विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन संप्रेषण की धारा 3/5 (1) में सात वर्ष से अधिक सजा का प्रविधान है। यह धारा प्रलोभन देकर मतांतरण के आरोप साबित होने पर लगती है।
ऐंजल व विवेक के प्रकरण में पुलिस इस बार भी यह धारा नहीं लगा रही। उसका कहना है कि अवैध मतांतरण से पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर यह धारा लगाई जा सकती है। रविवार के प्रकरण में कोई पीड़ित सामने नहीं आया। यदि जांच में पुष्टि होगी तो धारा बढ़ा दी जाएगी।

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