शाहजहांपुर में पोस्टमैन ने किया गबन, पीड़ितों की जमा पूंजी पर डाका; विवेचक को भेजा पुलिस लाइंस
शाहजहांपुर में संविदा पोस्टमैन और उसके बेटे ने कई लोगों की जमा पूंजी हड़प ली। उन्होंने क्यूआर कोड के माध्यम से पैसे अपने खातों में जमा कराए और पासबुक में फर्जी एंट्री कर दी। शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की। आरोपितों ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया है। अब तक 40 लाख रुपये से ज्यादा के गबन की बात सामने आई है।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। छोटी-छोटी बचत करके भविष्य की जरूरतों के लिए रुपये जोड़े। किसी को बिटिया की शादी करनी थी तो कोई मकान खरीदने की तैयारी में था, लेकिन संविदा पोसटमैन व उसके बेटे ने उन सभी की जमापूंजी हड़प ली।
कई दिनों तक आनाकानी करने के बाद किसी तरह प्राथमिकी तो दर्ज हो गई, लेकिन पुलिस आरोपितों को पकड़ने के लिए तैयार नहीं हुई। लगभग दो माह तक दबिश और सर्विलांस की आड़ देकर बचने का पूरा मौका दिया। आरोपित पिता-पुत्र हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले आए।
बड़ी संख्या में खातों से धनराशि में गड़बड़, दो माह पूर्व दर्ज हुई थी प्राथमिकी
किरकिरी शुरू हुई तो विवेचक को थाने से हटकर पुलिस लाइंस भेज दिया, लेकिन परेशान ग्राहकों की रकम वापस कैसे मिलेगी, यह बताने वाला कोई नहीं है। नगर के मुहल्ला अंधुई निवासी संविदा पोस्टमैन सूरज शुक्ला के घर के एक हिस्से में चार वर्ष से उप डाकघर संचालित है।
सूरज उप डाकपाल नवीन आर्य का काम में सहयोग करता था। इसी दौरान उसने खातों की रकम जमा करने की बजाय अपने पास रखना शुरू कर दी और फर्जी एंट्री चढ़ाकर पासबुक ग्राहकों को दे दी। सात दिन पहले जब वह गायब हुआ तो पता चला कि रुपये जमा ही नहीं हुए हैं।सूरज व उसके बेटे ऋतिक ने क्यूआर कोड के माध्यम से ग्राहकों के रुपये अपने खातों में जमा करा लिए और पासबुक पर फर्जी एंट्री कर दीं।
कागजों में दबिश देती रही पुलिस, हाईकोर्ट से स्टे ले आया संविदा पोस्टमैन
दस जुलाई को ग्राहक निर्जेश शुक्ला ने अपने खाते का विवरण चेक कराया तो पता चला कि उसमें कई महीनों से रुपये जमा ही नहीं हुए। उनके स्वजन व अन्य रिश्तेदारों के खातों में भी यही स्थिति थी। जिसके बाद अन्य ग्राहकों ने भी अपने खातों में रकम जमा न होने की बात कहते हुए हंगामा किया था। तब से सूरज व उसका परिवार गायब है।
पुलिस ने काफी विरोध प्रदर्शन के बाद आरोपितों पर 20 जुलाई को प्राथमिकी तो दर्ज कर ली, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया। एसओ दबिश दी जा रही है कहते रहे। इसका फायदा उठाते हुए सूरज ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया। वहीं डाक विभाग भी कछुआ चाल से जांच कर रहा है। अब तक 900 से अधिक खातों में 40 लाख रुपये से ज्यादा के गबन की बात सामने आई है।
नए सिरे से होगी विवेचना
पूरे मामले में हो रही किरकिरी से बचने के लिए विवेचक एसआइ नागेन्द्र सिंह पर ठीकरा फाेड़ा गया। उन्हें यहां से हटाते हुए पुलिस लाइंस भेज दिया गया। अब नए विवेचक आएंगे। नए सिरे से जांच शुरू करेंगे। ऐसे में कब और कितना रुपया वापस मिलेगा यह सोचकर खाताधारक परेशान हैं।
गत पांच वर्षों में दस हजार नए खाते विभिन्न योजनाओं के तहत उप डाकघर में खुले हैं। सभी की जांच में समय लगेगा। जिनके यहां खाते हैं वे जांच जरूर कराएं। अब तक 40 लाख रूपये से अधिक की गड़बड़ी मिली है। अमरपाल सिंह, क्षेत्रीय निरीक्षक डाक विभाग
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