पार्क या भ्रष्टाचार का स्मारक? 36 करोड़ फूंके गए, पर 'Biodiversity Park' पर क्यों लटकता है ताला?
36 करोड़ रुपये की लागत से बने जैव विविधता पार्क (Biodiversity Park) का निर्माण पूरा होने के बाद भी जनता के लिए बंद है। इस परियोजना पर भ्रष्टाचार के आर ...और पढ़ें
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जैव विविधता पार्क
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। गर्रा नदी के किनारे बसाई जा रही न्यू सिटी ककरा में नगर निगम की ओर से जैव विविधता पार्क को विकसित किया जा रहा है। हर साल इसमें करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हें, लेकिन इसमें नगरवासी झांकने तक नहीं आते। 10 हेक्टेयर जमीन पर वर्ष 2019 में पार्क को विकसित करने का काम शुरू हुआ और आज तक चल रहा है।
वर्ष 2024 के जुलाई माह और इस वर्ष अगस्त माह में आई बाढ़ ने पार्क में रोपे गए तमाम पेड़-पौधों, वेस्ट टू वंडर पार्क को तबाह कर दिया। वहीं, सूर्य नमस्कार के स्टेच्यू बाढ़ के साथ आई मिट्टी से लथपथ खड़े हैं। पूरे पार्क में मिट्टी जमा हो गई, जिसको कर्मचारी अब तक समेटने में जुटे हैं। पार्क पर करीब 36 करोड़ रुपये विभिन्न मदों में खर्च किए जा चुके हैं।
इसके बावजूद सुबह शाम के अलावा दिनभर ताला लटका रहता है। नगर निगम की ओर से गर्रा नदी के किनारे न्यू सिटी ककरा को बसाया जा रहा है। नदी का मुहाना होने की जानकारी होने के बावजूद यहां पर तमाम परियोजना पर काम हो रहा है। इसमें जैव विविधता पार्क, ई-बस स्टेशन, नगर निगम कार्यालय, अर्बन हाट, सामुदायिक केंद्र आदि काम चल रहा है। जोकि बाढ़ आने पर प्रभावित होता है।
गुरुवार को जैव विविधता पार्क में पड़ताल की गई तो वहां दोपहर के समय में कर्मचारी मिले, जोकि बाढ़ से आई मिट्टी को हटा रहे थे। यह मिट्टी पार्क के पाथवे के साथ ही सूर्य नमस्कार के स्टेच्यू पर भी जमी नजर आई। इन स्टेच्यू को लगाने के लिए 24 लाख रुपये खर्च किए गए थे। इसी के पास बना वेस्ट टू वंडर पार्क भी काफी खराब स्थिति में मिला।
इसमें पुराने टायर, पानी की बोतलों व अन्य निष्प्रयोज्य वस्तुओं से बच्चों के लिए झूले, कुआं, सेल्फी प्वाइंट, चिड़ियों के लिए घर आदि बनाए गए थे। यह सभी बाढ़ में खराब हो चुके हैं, सेल्फी प्वाइंट तो टूट पड़ा मिला। इस पर भी लाखों रुपये खर्च कर दिए गए। वहीं, पार्क में बनाया गया उपहार वन में जन्मदिन व शादी की वर्षगांठ आदि के अवसर पर लगाए गए 13 पौधों में पांच खराब हो गए।
इनमें एडीएम वित्त की ओर से अपनी पत्नी के जन्मदिन पर लगाया गया पौधा भी शामिल है। इसके साथ ही आम्र वन पूरी तरह से लगाए गए एक-दो को छोड़कर आम के सभी पौधे खराब हो चुके हैं। यहां पर विकसित मियांवाकी पार्क के पौधों की दुर्दशा हो चुकी है, इसमें विभिन्न प्रजातियों के दुर्लभ पौधों को रोपा गया था।
महापौर व नगर निगम के सभी 60 वार्डों के पार्षदों के साथ ही अधिकारियों की ओर से रोपे गए कुल 75 पौधों में भी कई सूख गए हैं। पंचवटी में लगे अशोक, बरगद, पाकड़, पीपल के पौधे सही मिले, बेलपत्र का पौधा बाढ़ में खराब हो गया।
पार्क की चहारदीवारी बनाने पर खर्च किए 11 करोड़
जैव विविधता पार्क की चहारदीवारी को बनाने के लिए ही 11 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 13 करोड़ रुपये से नदी के किनारे बांध बनाया गया। पार्क में घूमने आने वाले लोगों के लिए कसरत करने को ओपन जिम बनाया गया, इस पर 22 लाख रुपये खर्च किए जाने की जानकारी दी गई। इनके अलावा योग सेट बनाया गया, जिस पर साढ़े आठ लाख रुपये खर्च कर दिए। पार्क में प्रकाश व्यवस्था के लिए 20 लाख रुपये का बजट खर्च किया गया।
सुबह व शाम को खुलता पार्क
पार्क में मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि लोगों के लिए सुबह व शाम पार्क खोला जाता है। सुबह पांच बजे से दस बजे तक और शाम को चार बजे से छह बजे तक पार्क में कुछ लोग ओपन जिम में कसरत और योग करने आते हैं। बाकी दिनभर पार्क बंद रहता है।
पार्क में मालियों की कमी
जैव विविधता पार्क में कुल दस कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इनमें छह माली, एक चौकीदार, दो गनर और एक सफाई कर्मी शामिल है। इतने बड़े पार्क में मात्र एक सफाई कर्मी और छह माली अपर्याप्त ही साबित होते हैं।
बाढ़ की वजह से जैव विविधता पार्क को प्रभावित किया है, लेकिन शीघ्र ही उसे फिर से व्यवस्थित कराने का कार्य कराया जा रहा है। ओपन जिम व योग करने के लिए लोग पहुंचते हैं।
- डा. बिपिन कुमार मिश्र, नगर आयुक्त

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