Sambhal Violence: दंगाई सरकार का बुलडोजर याद रखें...नरेंद्र कश्यप बोले- कानून से खिलवाड़ की अनुमति किसी को नहीं
संभल में हुई हिंसा पर उत्तर प्रदेश के प्रभारी मंत्री नरेंद्र कश्यप ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा है कि कानून से खिलवाड़ करने वालों को सरकार का बुलडोजर याद रखना चाहिए। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों तक यह संदेश पहुंचे। उन्होंने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि वे हार के बाद अवसाद में हैं और इस तरह के कृत्य करा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। जिले के प्रभारी व पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि कानून से खिलवाड़ की अनुमति किसी को नहीं है। जिन्होंने संभल में दंगा किया है या जो लोग इसके पीछे हैं उन्हें सरकार का बुलडोजर भी याद रखना चाहिए।
अधिकारियों को चाहिए कि अपराधियों तक यह संदेश जरूर पहुंचे। नरेन्द्र कश्यप सोमवार को विकास कार्याें की समीक्षा बैठक के बाद विकास भवन सभागार में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में न्यायपालिका सर्वाेच्च है। न्यायपालिका के आदेश के क्रम में ही सर्वे टीम अपनी कार्रवाई कर रही थी, जिसका विरोध करने के लिए राजनीतिक लोगों ने शांतिभंग का प्रयास किया।
कानून व्यवस्था प्रदेश की प्राथमिकता
प्रभारी मंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों को पता होना चाहिए कि कानून व्यवस्था प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इससे खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं। जिन्होंने दंगा करने या कराने की कोशिश की है। उन पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद विपक्षी दल अवसाद हैं और इस तरह के कृत्य करा रहे हैं।
करहल में सपा को वोट न देने पर कर दी हत्या
करहल में सपा को वोट न देने पर महिला की हत्या कर दी गई। जबकि इन दलों को चाहिए कि हार के कारणाें पर मंथन करें। कार्यकर्ताओं को तैयार करें। जनता व पुलिस पर पत्थर फेंकने या गोली चलाने से कुछ नहीं होगा। इसी तरह के कृत्य पहले भी किए गए, जिस कारण सपा 2017 के बाद से प्रदेश की सत्ता से बाहर है। क्योंकि संविधान के प्रति जागरूक जनता ऐसी दलों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
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अखिलेश यादव पर निशाना साधा
सपा मुखिया अखिलेश यादव के उपचुनाव के नतीजों को लेकर ईवीएम पर सवाल उठाने के संबंध में उन्होंने कहा कि ऐसा संभव होता तो शेष दो सीटें भी भाजपा जीत लेती। अखिलेश यादव को इस तरह के आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है।
ये था मामला
संभल में जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने वाली एक याचिका दायर की थी, जिस पर न्यायालय ने सर्वे का आदेश दिया था। एक बार सर्वे हो चुका था। रविवार को दोबारा सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर पहुंचे थे। उनके साथ डीएम और एसपी थे। पुलिस बल को भी वहां बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। इसी दौरान भीड़ एकत्रित हुई और पुलिस−प्रशासन की गाड़ियों पर पथराव कर दिया। कई गाड़ियों को आग लगा दी। घटना में पुलिस पर फायरिंग भी की गई। आगजनी में करीब 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं भीड़ का हिस्सा बने चार की मौत हुई थी।
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