पीईटी में हाईटेक इंतजाम दे गए धाेखा: सॉल्वर गैंग ने लगाई सेंध, 10000 रुपये में बिहार के युवक ने दो जगह दी परीक्षा
शाहजहांपुर में पीईटी परीक्षा में सॉल्वर गैंग ने सेंध लगाई जहां बिहार निवासी विवेक मंडल को गिरफ्तार किया गया। उस पर आरोप है कि उसने हरदोई और शाहजहांपुर में दूसरे परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दी। बायोमीट्रिक मिलान में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। गिरोह के सदस्यों ने परीक्षा में सेंध लगाने के लिए हाईटेक इंतजामों को भी धोखा दिया।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। सॉल्वर गैंग ने पीईटी (प्रारंभिक पात्रता परीक्षा) के हाईटेक इंतजामों को धता बताते सेंध लगा दी। गिरोह के सदस्य बिहार निवासी विवेक मंडल ने सगरना व एक अन्य परीक्षार्थी के स्थान पर हरदोई व शाहजहांपुर में परीक्षा दी, लेकिन किसी को उस पर शक तक नहीं हुआ। बायोमीट्रिक की ऑनलाइन रिपोर्ट का डाटा मिलान हुआ तो मामला पकड़ में आया। आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि दो अन्य नामजदों की गिरफ्तारी के लिए टीमें आजमगढ़ भेजी गईं हैं।
छह व सात सितंबर को दो-दो पालियों में पीईटी आयोजित हुई थी। यहां 21 केंद्रों पर आजमगढ़, आंबेडकरनगर व लखीमपुर के परीक्षार्थियों के लिए केंद्र बनाए गए थे प्रवेश के लिए बायोमीट्रिक की व्यवस्था की गई थी, लेकिन सॉल्वर गैंग ने इसे ही धता बता दिया।
हरदोई में गैंग के सरगना व शाहजहांपुर में दी थी एक अन्य युवक के स्थान पर परीक्षा
रविवार को दूसरी पाली में यहां के जान नेव सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आजमगढ़ के थाना अतरौलिया के गांव भीलमपुर छपरा निवासी नीतिश कुमार पुत्र राजेश सिंह नाम के परीक्षार्थी ने परीक्षा दी, लेकिन परीक्षा की सुरक्षा संभाले वाले एजेंसी इनोवेटिवव्यू ने सभी केंद्रों की बायोमीट्रिक का मिलान किया तो पता चला कि यही बायोमीट्रिक एक दिन पूर्व हरदोई में भी लगी है। वहां के भगौली स्थित आर्चसिया इंटरनेशनल स्कूल में आजमगढ़ के ही अतरौलिया क्षेत्र के बड़ागांव केशवपुरा निवासी श्याम कृष्ण सिंह पुत्र माधव सिंह के नाम से परीक्षा दी गई है।
बायोमीट्रिक में पकड़ा फर्जीवाड़ा, शेष की गिरफ्तारी को टीमें आजमगढ़ रवाना
मामला संदिग्ध लगने पर यहां जानकारी दी गई, जिसके बाद सोमवार को इस मामले में जान नेव की प्रधानाचार्य सुनीता द्विवेदी ने संदिग्ध अभ्यर्थी के विरुद्ध रोजा थाने में विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू की और एक युवक को हिरासत में लिया गया।उसने पुलिस को बरगलाने का काफी प्रयास किया।
शुरुआत में वह स्वयं को नितिश ही बताता रहा, लेकिन जब सख्ती की तो नाम बिहार के नवादा के ग्राम भवानी निवासी सुमित बताया। जब वहां की पुलिस की मदद से छानबीन की तो पुष्टि नहीं हुई। दोबारा पूछने पर उसने अपना नाम विवेक मंडल बताते हुए पूरी सच्चाई बता दी।
स्कैनिंग व आधार से पाया प्रवेश
परीक्षा में इस बार बायोमीट्रिक हाजिरी लगाई जा रही थी। विवेक मंडल के पास नीतिश व श्याम कृष्ण के नाम से आधार कार्ड थे। परीक्षा केंद्र पर चेहरे की स्कैनिंग व आधार कार्ड के जरिए उसकी उपस्थिति लग गई। वह दोनों स्थानों पर अंतिम समय में पहुंचा था इसलिए ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया।
विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी
प्रधानाचार्य ने आरोपित की ओएमआर शीट व प्रश्न पत्र पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किया है। विवेक मंडल, श्याम कृष्ण सिंह व नीतिश के विरुद्ध धारा धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, व धारा 3/10 उ0प्र0 पब्लिक परीक्षा(निवारण) अधिनियम -2024 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। शेष दोनों आरोपितो की तलाश में टीमें भेजी गईं हैं।
वाराणसी स्टेशन पर हुई थी दोस्ती
विवेक ने बताया कि गत वर्ष जून माह में वह वाराणसी आया था। यहां स्टेशन पर ट्रेन की प्रतीक्षा करते समय उसकी भेेंट आजमगढ़ निवासी श्याम कृष्ण से हुई।उसके पास कुछ खाने को नहीं था। श्याम ने उसे खाना दिया। इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई। फोन पर बातचीत होती रही। कुछ दिन पूर्व श्याम ने उसे लखनऊ बुलाया था। वहां उसके फोटो, सादे कागज पर साइन आदि विवरण ले लिया जिनसे फर्जी आधार तैयार करा दिए। उसको बताया कि उसके व नीतिश के नाम से पीईटी देनी है। इसके लिए प्रति पेपर उसे बीस हजार रुपये तय किए।
राजनीतिक पहुंच का दिया था हवाला
पांच सितंबर को वह लखनऊ आया। वहां से श्याम उसे कार से हरदोई लेकर गया। दस हजार रुपये एडवांस दिए। छह सितंबर को द्वितीय पाली में श्याम सिंह के नाम से परीक्षा दी। सख्ती अधिक थी, इसलिए उसने दूसरी परीक्षा देने से मना किया, जिस पर श्याम ने कहा कि वह घबराए मत। अगर कोई दिक्कत आई तो उसकी राजनीतिक पहुंच है। कुछ नहीं होने देगा। इसके बाद वह उसे यहां कार से ले आया।
रास्ते पर आती रहीं काल
विवेक ने बताया कि आरोपित के पास बार-बार काल आ रही थीं। पूरे रास्ते लगातार फोन पर बात करते आया। जिससे लग रहा था कि वह कई लोगों के संपर्क में है। ऐसे में लग रहा है कि वह संगठित गिरोह के संपर्क में है।
नवंबर में शादी होनी है शादी
आरोपित बाइक फाइनेंस कंपनी में काम करता है। पिता खेती करते हैं। मार्च में डीएलएड किया है। इसके बाद से वह नौकरी की तलाश में है। चार बहनों में इकलौता भाई है। सबसे छोटी बहन रुचि की नवंबर में शादी है। श्याम ने उसका रिश्ता भी एक परिचित की बेटी के साथ तय करा दिया था। कहा कि था नवंबर में बहन व भाई की शादी एक ही तिथि में करा देगा।
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