नए साल पर पहाड़ों की सैर का बढ़ा क्रेज, शिमला-जलपाईगुड़ी रूट पर ट्रे सीटें फुल
नववर्ष का जश्न पहाड़ों में मनाने का रोमांच लोगों में चरम पर दिखाई दे रहा है। ठंडी वादियों और बर्फ से लदे पर्वतों का लुत्फ उठाने के लिए यात्रियों ने एक महीने पहले ही टिकटों की बुकिंग शुरू कर दी थी। नतीजा यह कि दिसंबर खत्म होने से पहले ही कई प्रमुख ट्रेनों में सीटें पूरी तरह भर चुकी हैं और अब आरक्षण मिलना तकरीबन नामुमकिन हो गया है।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। नववर्ष का जश्न पहाड़ों में मनाने का रोमांच लोगों में चरम पर दिखाई दे रहा है। ठंडी वादियों और बर्फ से लदे पर्वतों का लुत्फ उठाने के लिए यात्रियों ने एक महीने पहले ही टिकटों की बुकिंग शुरू कर दी थी। नतीजा यह कि दिसंबर खत्म होने से पहले ही कई प्रमुख ट्रेनों में सीटें पूरी तरह भर चुकी हैं और अब आरक्षण मिलना तकरीबन नामुमकिन हो गया है।
शिमला, नैनीताल, मसूरी, जम्मू और बंगाल के जलपाईगुड़ी जैसे पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाली ट्रेनों में सीटों की बड़ी मांग है। जम्मू के लिए चलने वाली बेगमपुरा एक्सप्रेस, सियालदाह और अमरनाथ एक्सप्रेस में 30 और 31 दिसंबर की सभी सीटें फुल हैं। प्रतीक्षा सूची इतनी लंबी है कि कई यात्री अब कन्फर्म होने की उम्मीद छोड़ चुके हैं।
उधर, देहरादून, मसूरी और हरिद्वार जाने वाले यात्रियों की स्थिति भी अलग नहीं है। जनता एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस और संगम एक्सप्रेस में लगातार बढ़ती भीड़ के कारण 80 से 100 तक वेटिंग लिस्ट पहुंच चुकी है। कुछ तारीखों पर तो सिस्टम रिग्रेट तक दिखा रहा है, यानी टिकट मिलने की बिल्कुल संभावना नहीं।
इसी तरह पूर्वोत्तर की खूबसूरत घाटियों की ओर जाने वाले यात्री भी परेशानी में हैं। बंगाल का जलपाईगुड़ी, जो सर्दियों में एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन बन गया है, वहां के लिए चलने वाली बाघ एक्सप्रेस और अमरनाथ एक्सप्रेस में भी सीटें लगभग खत्म हैं। दोनों ट्रेनों में वेटिंग सूची लगातार लंबी होती जा रही है, जिससे यात्रियों को वैकल्पिक तारीखें या दूसरे मार्ग तलाशने पड़ रहे हैं।
पर्यटन प्रेमियों का कहना है कि बर्फबारी की उम्मीद और छुट्टियों का माहौल पहाड़ी शहरों को न्यू ईयर के लिए पहली पसंद बनाता है। लेकिन ट्रेनों में सीटों के संकट ने कई परिवारों की योजनाओं में खलल डाल दिया है।
सीएमआई एसके ठाकुर के बताया कि नववर्ष को लेकर पहाड़ी इलाकों में और खूबसूरत घाटियों के लिए चलने वाली ट्रेनों में आरक्षण अधिक हुए हैं। इसकी वजह से ट्रेनों में लंबी वेटिंग है यहां तक कि रिग्रेट भी दिखा रही हैं।

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