टैक्स वसूली में निगम की मनमानी, जनता को हो रही परेशानी
गृहकर निर्धारण में नगर निगम प्रशासन की मनमानी के कारण जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। कारण ठेके पर लगाए गए कर्मचारियों ने मन मुताबिक बिल बनाकर गृह स् ...और पढ़ें

जेएनएन, शाहजहांपुर : गृहकर निर्धारण में नगर निगम प्रशासन की मनमानी के कारण जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। कारण ठेके पर लगाए गए कर्मचारियों ने मन मुताबिक बिल बनाकर गृह स्वामियों को भेज दिया है। जब कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के पास इससे संबंधित शिकायतें पहुंची तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए बिल में सुधार के निर्देश दिए हैं।
टैक्स वसूली का प्रतिशत कम होने की वजह से नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने बीते दिनों कर निरीक्षक समेत सभी अधिकारियों को वसूली में तेजी जाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद 17 हजार घरों को चिह्नित किया गया था, जिसमें 9000 घरों में टैक्स जमा करने के बिल भी पहुंच चुके हैं। तीन अक्टूबर को 94 लोग टैक्स अधिक आने की शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से कर चुके हैं।
ठेके पर लगाए गए 22 कर्मचारी
नगर निगम में टैक्स वसूली व अन्य प्रक्रिया पूरी कराने के लिए 22 कर्मचारियों को नगर निगम प्रशासन ने ठेके पर लगाया है। इन कर्मचारियों पर साठगांठ के भी आरोप लगे हैं। वहीं, अधिकारी शहर का क्षेत्रफल अधिक होने व कर्मचारी कम होने का हवाला देते हुए जांच न हो पाने की बात को भी स्वीकार कर रहे हैं।
मानक के विपरीत भेजा बिल
टैक्स वसूली के जो मानक तय किए गए है। उसके विपरीत एक ही रोड पर किसी के पास 40 हजार, तो किसी को 23 हजार का बिल पहुंच रहा है। कई ऐसे भी जिनके पास उसी क्षेत्र में छह व चार हजार रुपये की कर अदायगी का नोटिस गया है। हालांकि इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि भवन की व सड़क की चौड़ाई आदि पर निर्भर करता है। लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं है। कई जगह कर्मचारियों के स्वयं प्रपत्र भरने की शिकायतें भी आ रही हैं, जबकि उस पर भवन स्वामी के स्वयं भरने के लिए लिखा है। वर्जन
नगर निगम की जो संशोधित दरें लागू की गई हैं, उसी हिसाब से टैक्स वसूल किया जा रहा है। शिकायती पत्र की जांच कराई जाएगी।
आरती सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी

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