Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मोबाइल फोन ने छीन ली बच्चे की जिंदगी, गेम खेलते छत से गिरा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 18 Jun 2022 12:47 AM (IST)

    - शाहजहांपुर में तीसरी ...और पढ़ें

    Hero Image
    मोबाइल फोन ने छीन ली बच्चे की जिंदगी, गेम खेलते छत से गिरा

    मोबाइल फोन ने छीन ली बच्चे की जिंदगी, गेम खेलते छत से गिरा

    जागरण संवाददाता, जलालाबाद : तीन वर्ष का अभि भला खतरे का आभास कैसे कर पाता। मां घरेलू काम कर रही थी और वह हमेशा की तरह मोबाइल फोन पर अपना पसंदीदा गेम खेल रहा था। अचानक उसका संतुलन बिगड़ा और तीन मंजिल छत से नीचे जा गिरा। शुक्रवार को उपचार के दौरान उसकी सांसें थम गईं। शाम को उसका शव घर पहुंचा तो बस एक ही चर्चा थी...काश! उसके हाथ में मोबाइल फोन न दिया होता।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बुधवार रात को यह घटना जलालाबाद के मुहल्ला गांधीनगर में रहने वाले किराना व्यापारी अनमोल के घर हुई। करीब नौ बजे उनकी पत्नी मानसी घरेलू काम कर रही थीं। स्वजन ने बताया कि गर्मी होने के कारण अनमोल का बेटा अभि और परिवार का एक अन्य बच्चा रोहित तीसरी मंजिल पर चला गया था। वे दोनों मोबाइल फोन पर गेम खेलते तो कभी यू ट्यूब पर वीडियो देखने लगते थे। खेल-खेल में दो फीट की बाउंड्री के करीब पहुंच गए थे। उससे टिककर दोनों गेम खेल रहे थे। रात होने के कारण अभि को नींद भी आ रही थी मगर, मोबाइल फोन के लालच में वह गेम खेलता रहा। उसी समय उसे झपकी आई और बाउंड्री से नीचे गिर गया। रोहित ने रोते हुए आवाज लगाई तब मानसी दौड़कर छत पर पहुंची। नीचे झांकते ही वह चीख पड़ीं, गली में अभि लहूलुहान पड़ा था। आनन-फानन परिवार के अन्य सदस्य आए और उसे लेकर डा. कपूर के क्लीनिक पहुंचे। हालत गंभीर होने के कारण उन्होंने रेफर किया तो रात में ही फर्रुखाबाद ले जाकर भर्ती कराया। सिर, सीने में गहरी चोट लगने के कारण शुक्रवार दोपहर को उसकी मृत्यु हो गई।

    अभिभावकों की जिम्मेदारी कि फोन के आदी न बनें बच्चे : बरेली के महाराणा प्रताप मंडलीय चिकित्सालय के मनोविज्ञानी डा. आशीष कुमार कहते हैं कि मोबाइल फोन का ज्यादा उपयोग करने से इंटरनेट यूज डिस्आर्डर का शिकार हो जाते हैं। गेम आदि खेलने के लालच में बच्चों को आभास नहीं होता कि वे खतरनाक स्थिति की ओर चले जा रहे हैं। ऐसे मामलों से बचाव के लिए जरूरी है कि बच्चों को कम से कम समय मोबाइल फोन दिया जाए। जरूरत पड़ने पर बच्चों व अभिभावकों की काउंसिलिंग की जाती है। अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि टाइम पास, गेम खेलने के लिए बच्चों को मोबाइल फोन न दिया जाए।