नरौरा बांध से छोड़ा गया एक लाख 72 हजार क्यूसेक पानी, स्टेट हाईवे बन गया तालाब
नरौरा बांध से गंगा में पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया है जिससे किनारों के गांवों में पानी घुस गया है। फर्रुखाबाद शमशाबाद स्टेट हाईवे पर पानी भरने से यातायात प्रभावित है। रामगंगा में भी जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में टीमें भेजी गई हैं।

संवाद सूत्र, मिर्जापुर। गंगा में नरौरा बांध से एक लाख 72 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिस कारण नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। रामगंगा में भी वृद्धि हो रही है। गंगा का पानी नदी किनारे बसे गांवों में फिर से घुसने लगा है। फर्रुखाबाद शमशाबाद स्टेट हाईवे व चौरा बसोला मार्ग पर दो फीट से अधिक गहराई का पानी बह रहा है। जिससे इसकी स्थिति तालाब जैसी हो गई है।
बावजूद इसके लोग खतरा उठाकर आवागमन कर रहे हैं, पर इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। फर्रुखाबाद शमशाबाद स्टेट हाईवे पर फर्रुखाबाद के चौरा गांव के पास तथा मिर्जापुर के भरतपुर डिप पर सड़क के ऊपर से पानी का बहाव तेज हो गया है। चौरा गांव के पास लगभग तीन सौ मीटर लंबाई में सड़क एक बार फिर से पानी में डूब गई है।
फिर से घुसने लगा बाढ़ का पानी
गंगा नदी में पानी छोड़े जाने से नदी के किनारे बसे आजादनगला, इस्लामनगर, मस्जिद, कटैला नगला, पैलानी उत्तर आदि गांवों में बाढ़ का पानी फिर से घुसने लगा है। रामगंगा में खो, हरेली तथा रामनगर बैराज से 49 हजार 110 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नदी के किनारे बसे हरिहरपुर, पाहरुआ, कुनिया शाहनजीरपुर, बीघापुर, सिठौली, भरतापुर, पहाड़पुर, मौजमपुर, धिरोला, कीलापुर कुंडरी आदि गांवों में फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
तहसीलदार सृजित कुमार ने बताया कि वर्तमान में सात गांवों में ही बाढ़ का पानी है। उन्होंने बताया कि गंगा तथा रामगंगा नदियों में पानी छोड़े जाने से जलस्तर बढ़ा है मगर स्थिति अभी सामान्य है। बाढ़ क्षेत्रों के लिए लेखपालों की जो टीमें बनी थी उन सभी को सक्रिय करते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेज दिया गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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